महाराष्ट्र में एनडीए के सीट शेयरिंग पर फंसा पेंच, अमित शाह के दौरे से निकलेगा समझौते का फॉर्मूला?

महाराष्ट्र में एनडीए के सीट शेयरिंग पर फंसा पेंच, अमित शाह के दौरे से निकलेगा समझौते का फॉर्मूला?

महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों को लेकर एनडीए में पेच फंसा हुआ है. सूबे में बड़े भाई की भूमिका निभाने वाली बीजेपी की नजर 30 सीटों पर है, वहीं बची हुई 18 सीटें वो अपनी सहयोगी शिवसेना और एनसीपी को देना चाहती है. बीजेपी एकनाथ शिंदे की पार्टी को 12 और अजित पवार की पार्टी को 6 सीटें देना चाहती है, लेकिन शिंदे गुट 22 सीटों की मांग कर रहा है जिसको लेकर रस्साकस्सी चल रही है.

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और अजित पवार को साथ लेकर बीजेपी ने अपने गठबंधन के कुनबे को भले ही बढ़ा लिया है, लेकिन सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति अभी तक नहीं बन पा रही है. बीजेपी ने अपने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें महाराष्ट्र और बिहार के कैंडिडेट के नाम शामिल नहीं थे. महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन में शामिल शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी अपनी-अपनी दावेदारी को बढ़ाना चाहती है, जिसके चलते ही मामला उलझा हुआ है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के दौरे पर हैं और मंगलवार देर शाम मुंबई पहुंचेगे. ऐसे में देखना है कि अमित शाह कैसे शिंदे-अजित पवार खेमे के साथ सीट शेयरिंग के मामले को सुलझाते हैं?

महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं, जिसमें 30 सीटों पर बीजेपी खुद चुनाव लड़ना चाहती है और बाकी 18 सीटें अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ना चाहती है. बीजेपी इन 18 सीट में से 12 सीटें एकनाथ शिंदे की शिवसेना और 6 सीटें अजित पवार की एनसीपी को देना चाहती है. शिंदे खेमा 22 लोकसभा सीटों की मांग रहा है, जिस पर 2019 में शिवसेना चुनाव लड़ी थी और 18 सीटें जीतने में कामयाब रही. अजित पवार की एनसीपी 10 सीटें मांग रही है. इतना ही नहीं कई सीटों को लेकर एनडीए गठबंधन के सहयोगियों में मतभेद है और इसी वजह से सीटों का बंटवारा तय नहीं हो पाया है.

महाराष्ट्र में BJP का चुनाव अभियान

लोकसभा चुनाव के अभियान को धार देने के लिए अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र पहुंचे हैं. बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि अमित शाह की यात्रा राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करने के लिए है, लेकिन जिस तरह से सीट बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है. ऐसे में शाह महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल फूंकने के साथ-साथ सीट शेयरिंग पर सहमति बनाने की कवायद करेंगे, क्योंकि उम्मीदवारों की घोषणा से पहले दोनों सहयोगी दलों के साथ मामले को निपटाने की जरूरत है.

NDA में सीटों को लेकर फंसा पेंच

दरअसल, एकनाथ शिंदे गुट के शिवेसना नेता आनंदराव अडसुल, सांसद गजानन कीर्तिकर और पूर्व मंत्री रामदास कदम खुलकर प्रमुख सीटों की डिमांड कर रहे हैं और यहां तक कि यह भी कह रहे हैं कि अगर उनकी सीट बीजेपी के खाते में जाती है तो फिर वे अपने क्षेत्रों में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेंगे. इसकी वजह यह है कि सीट शेयरिंग में शिवसेना नेताओं की सीटें बीजेपी के हिस्से में जा रही हैं, जिसे लेकर शिवसेना चिंतित है. इसीलिए पार्टी ने आक्रमक रुख अपना रखा है, जिसे लेकर टेंशन बढ़ती जा रही है और भीतरघात का खतरा दिख रहा.

शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल अमरावती सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं और एक बार फिर से ताल ठोंकना चाहते हैं. अडसुल यह दावा तब कर रहे हैं जबकि बीजेपी निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को टिकट देने की योजना बना रही है. अडसुल लगातार कह रहे हैं कि अमरावती लोकसभा सीट शिवसेना की है, जिसके चलते वो चुनाव लड़ेंगे. 2019 में शिवसेना चुनाव लड़ी थी, लेकिन इस बार बीजेपी नवनीत राणा को चुनाव लड़ाना चाहती है तो शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार) दोनों ही डिमांड कर रही है.

अमरावाती लोकसभा सीट के साथ-साथ बुलढाणा सीट पर भी शिवसेना दावा कर रही है. चंद्रपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी चुनाव लड़ना चाहती है. राज्यमंत्री सुधीर मुनगंटीवार चुनाव लड़ना चाहते हैं. सुधीर ओबीसी समुदाय से आते हैं, लेकिन पार्टी नेताओं के एक वर्ग का मानना है कि प्रमुख कुनबी समुदाय से उम्मीदवार होने से जीत की संभावना बढ़ेगी. शिंदे गुट के शिवेसना नेता रामदास कदम रत्नागिरी लोकसभा सीट पर अपना दावा कर रहे हैं. वो कह चुके हैं कि चाहे जो कुछ भी हो जाए, लेकिन वो इस सीट पर अपनी दावेदारी नहीं छोड़ेंगे.

रत्नागिरी सीट को लेकर मामला उलझा हुआ है, यह सीट बीजेपी हरहाल में अपने कब्जे में लेना चाहती है. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने इस पर दावा ठोका है. पश्चिमी महाराष्ट्र में भी बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के बीच शिरूर लोकसभा क्षेत्र को लेकर मतभेद दिख रहे हैं. इसी तरह संभाजीनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी और शिंदे की शिवसेना के बीच टकराव है. 2019 में यह सीट एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील ने जीती दर्ज की थी. उन्होंने शिवसेना के वरिष्ठ नेता चंद्रखांत खैरे को हराया था, जो उद्धव ठाकरे के साथ हैं. ऐसे में शिंदे शिवसेना इस सीट पर चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है जबकि बीजेपी को लगता है कि यहां उसकी जीत की बेहतर संभावनाएं हैं.

30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है BJP

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार को मुंबई पहुंच रहे हैं, जहां पर बीजेपी नेताओं के साथ-साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के साथ भी बैठक कर सकते हैं. उद्धव ठाकरे के एनडीए से जाने के बाद बीजेपी महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में है और उसको बरकरार रखना चाहती है. बीजेपी सूबे की 48 लोकसभा सीटों में से हरहाल में 30 सीटों पर लड़ना चाहती है और बची हुई 18 सीटों में से 12 एकनाथ शिंदे और 6 सीटें अजित पवार खेमे के देना चाहती है. माना जा रहा है कि अमित शाह सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग पर सहमति बनाने का फॉर्मूला तय करेंगें, देखना है कि किस तरह की सहमति बनती है?