Ashadha Amavasya 2023: अमावस्या पर भूलवश भी नहीं करें ये काम, भुगतने पड़ेंगे बुरे परिणाम
धार्मिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ अमावस्या का दिन पितरों की पूजा और कुंडली से जुड़े दोषों दूर करने के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन कुछ ऐसी गलतियां है जिन्हें यदि भूलवश भी किया जाए तो इसके बुरे परिणाम देखने को मिलते हैं.
Amavasya par kya na kare: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर पड़ने वाली तिथि को आषाढ़ अमावस्या कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में जाकर स्नान करने और किसी जरूरतमंद को दान-दक्षिणा देने का महत्व होता है. इसके साथ-साथ प्रात काल सूर्य देव को अर्घ्य देना भी बहुत शुभ माना जाता है. लेकिन, कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें अमावस्या के दिन भूलवश भी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपको शुभ के बजाए अशुभ फल प्राप्त हो सकते हैं, साथ ही जीवन में हमेशा परेशानियां बनी रह सकती है. आइए जानते हैं आषाढ अमावस्या पर क्या नहीं करना चाहिए.
नए काम की शुरुआत: धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन किसी भी तरह के नए काम की शुरुआत करने से बचना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से आपका काम सफल नहीं होता है. साथ ही आपको अशुभ फल भी प्राप्त होते हैं.
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लड़ाई न करें: अमावस्या के दिन लड़ाई-झगड़ा करने से घर में हमेशा दरिद्रता बनी रहती है. इससे घर का माहौल भी खराब होता है और आप हमेशा मानसिक तौर पर परेशान रहने लगते हैं. माना जाता है कि ऐसे घर में कभी माता लक्ष्मी वास नहीं करती हैं, जिससे आर्थिक परेशानी बनी रहती है.
यात्रा करने से बचें: अमावस्या के दिन यदि आप किसी लंबी यात्रा पर जाने का विचार कर रहें हैं तो उसे त्याग दें. धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करने से आप परेशानी में पड़ सकते है, या अनचाही अड़चने भी आ सकती हैं.
नाखून न काटें : माना जाता है कि अमावस्या के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए. इसके अलावा बाल कटवाना और शेविंग जैसे कार्यों को करने से भी बचना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है जिसे करने से आपके जीवन में परेशानियों का आगमन होता है.
शारीरिक संबंध न बनाएं : दांपत्य जीवन में रह रहे लोगों को किसी भी तरह का शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या पर बनाए गए संबंधों से जो संतान पैदा होती है, वह कभी खुश नहीं रह पाती है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)