Odisha Train Accident: जिस स्कूल में रखे गए 250 शव, वहां जाने से डरे टीचर्स और स्टूडेंट्स, गिराई इमारत

Odisha Train Accident: जिस स्कूल में रखे गए 250 शव, वहां जाने से डरे टीचर्स और स्टूडेंट्स, गिराई इमारत

बालासोर ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस बीच स्कूल में शव रखे जाने की वजह से बच्चों के माता-पिता भी बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं.

बालासोर ट्रेन हादसे को एक हफ्ता बीत चुका है लेकिन आज भी लोग इससे सहमे हुए हैं. ये हादसा इतना भीषण था कि कि देखते ही देखते लाशों का अंबार लग गया. इतनी बड़ी संख्या में मौते हुए थीं कि शवों को रखने के लिए अलग-अलग जगह ढूंढनी पड़ीं. ऐसे में लाशों को रखने के लिए आसपास की सरकारी इमारतों का इस्तेमाल भी किया गया़. इन्हीं इमारतों में से एक था 65 साल पुराना स्कूल जहां बालासोर रेल हादसे में मारे गए लोगों के कुछ शव रखे गए थे.

बहानागा नोडल हाई स्कूल को अस्थाई तौर पर मुर्दाघर बनाए जाने से बच्चों और शिक्षकों ने हंगामा खड़ा कर दिया था. उन्होंने स्कूल में घुसने से मना कर दिया था. उनके इस फैसले से स्कूल गिराकर नई इमारत बनाने पर विचार किया जाने लगा. शुक्रवार को इस दिशा में कदम उठाते स्कूल को गिरा दिया गया है.

नई इमारत बनने के बाद होगी पूजा

स्कूल की मैनेजिंग कमेटी के सदस्य राजग्राम मोहापात्रा ने कहा कि जिन कमरों में शवों को रखा गया था, उन्हें अच्छे से साफ किया गया लेकिन इसके बावजूद बच्चों के माता-पिता उन्हें स्कूल भेजने को तैयार नहीं हुए. ऐसे में अब स्कूल गिराया जा रहा है. नई बिल्डिंग तैयार होने के बाद पुजारी को बुलाकर जगह को पवित्र किया जाएगा ताकी बच्चे बिना डरे स्कूल आ सकें.

बता दें, ये स्कूल रेल हादसे वाली जगह से सिर्फ 500 मीटर दूर है. स्कूल गर्मियों की छुट्टियों के लिए बंद था. 2 जून को हुए रेल हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ट्रेन से निकाले जा रहे शवों को रखने के लिए कोई जगह चाहिए थी. ऐसे में इसके लिए बहानागा नोडल हाई स्कूल का इस्तेमाल किया गया.

6 क्लासरूम में रखे गए 250 शव

छुट्टियों के बाद स्कूल 16 जून से दोबारा खोला जाना था लेकिन बच्चों और शिक्षकों ने स्कूल आने से मना कर दिया. यहां शव रखे जाने से वह बुरी तरह डरे हुए थे. जानकारी के मुताबिक इस स्कूल में 250 शव रखे गए थे. इसके लिए 6 क्लास रूम और एक हॉल का इस्तेमाल किया गया था. बाद में यहां से शवों को बालासोर और भुवनेश्वर के अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया.

शवों को हटाने के बाद स्कूल को पूरी तरीके से सैनिटाइज भी किया गया लेकिन इसके बावजूद बच्चे और शिक्षक स्कूल के अंदर जाने से डर रहे थे. उन्हें लग रहा था कि शवों को स्कूल में रखने से ये जगह हॉन्टेड हो गई है. ऐसे में अब स्कूल की इमारत को गिराकर नई इमारत बनाई जा रही है.