मछली को मारने में हो रहा था ‘ट्रैंक्विलाइज़र’ का इस्तेमाल, सरकार ने लिया बड़ा एक्शन
80 किलो की मृत कैटफ़िश और मछली की अन्य प्रजातियों को पकड़े हुए लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.जानकारी के अनुसार लोगों ने उन्हें मारने के लिए 'खारू' नामक पेड़ की जहरीली छाल का इस्तेमाल किया था.
शिलांग: मेघालय के री-भोई जिला प्रशासन ने मत्स्य विभाग को पश्चिमी री-भोई क्षेत्र में वाह खरी नदी में सैकड़ों मछलियों की सामूहिक हत्या के मामले में जांच के आदेश दिए है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल में ही 80 किलो की मृत कैटफ़िश और मछली की अन्य प्रजातियों को पकड़े हुए लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. मीडिया रिपोर्ट केअनुसार लोगों ने उन्हें मारने के लिए ‘खारू’ नामक पेड़ की जहरीली छाल का इस्तेमाल किया था.
छाल में एक नशीला पदार्थ होता है जो ट्रैंक्विलाइज़र का काम करता है. ये घटना शुक्रवार की बताई जा रही है. इसमे शामिल लोग पश्चिमी रीभोई और पूर्वी पश्चिम खासी हिल्स जिले पथरखमाह थाने की पुलिस ने मामले में शामिल लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है और मामले की जांच की जा रही है. रीभोई के उपायुक्त अर्पित उपाध्याय ने बताया कि निषेधाज्ञा कानून लागू होने के बाद लोग कानून तोड़ रहे हैं.
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‘कानून के आधार पर मामला होगा दर्ज’
उन्होंने आगे कहा कि मछली पकड़ने वाली गतिविधियों में शामिल लोगों पर कानून के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा. राज्य में विस्फोटक, मछली पकड़ने के जाल और जहरीले रसायनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेघालय में मछलियों के कई प्रजातियां पाई जाती है. हाल में एक नई प्रजाति देखी थी जो मछली की तरह दिखती थी.
इसका नाम ‘चन्ना स्नेकहेड’ बताया गया था.इसका रंग और दांत बिल्कुल अलग था. ये मछलियां एशिया में पाई जाती है. और ये साफ पानी में दिखती थी.इस मछली की लंबाई 10 से 180 सेमी के बीच होती है. ये एक नई तरह की मछली होती है. इसकी ऊपरी बनावट और डीएनए को देखकर लगता है ये नई प्रजाति है.
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