UP: सरकारी एंबूलेंस से शव उतार फरार हुआ ड्राइवर, 3 KM ठेले से खींचने को मजबूर हुए परिजन
एंबूलेंस चालक शव को गांव से करीब 3 किलोमीटर पहले रास्ते में उतारकर फरार हो गया. मामले की शिकायत जिला अस्पताल मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजयपति द्विवेदी से की. उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.
उत्तर प्रदेश के बलिया से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां बीमारी के चलते एक बुजुर्ग की सरकारी अस्पताल में मौत हो गई. एंबूलेंस से शव को घर छोड़ने के लिए भेजा गया. एंबूलेंस चालक शव को घर तक न छोड़ने की जगह रास्ते में ही उतारकर फरार हो गया. परिजन बुजुर्ग के शव को ठेले के जरिए बामुश्किल घर तक लेकर पहुंचे. घटना से ग्रामीणों में गुस्सा है.
इस मामले में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने एंबूलेंस नोडल अधिकारी से जांच आख्या देने को कहा है. एंबूलेंस चालक ने शव को घर से करीब तीन किलोमीटर पहले ही उतार दिया था. चालक से जब घर तक शव ले जाने की कहा तो उसने मना कर दिया. मजबूरी में मृतक का बेटा ठेले के जरिए पिता के शव को घर तक लेकर पहुंचा.
इलाज के दौरान हुई थी बुजुर्ग की मौत
मामला बलिया जिले के मनियर थाना क्षेत्र के बहदुरा गांव का है. गांव निवासी हीरा राजभर कई दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्हें इलाज के लिए परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. सोमवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. परिजन शव को अपने गांव ले जाने के लिए अस्पताल से एंबूलेंस कर ले गए जो निशुल्क थी. अस्पताल से गांव की दूरी करीब 35 किलोमीटर है. एंबूलेंस चालक ने गाड़ी को गांव से करीब 3 किलोमीटर पहले ही रोक दिया.
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शव को बीच रास्ते में उतारकर हुआ फरार
आरोप है कि चालक ने शव को वहीं रास्ते में उतार दिया. परिजन चालक से गांव तक एंबूलेंस ले जाने के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन वह शव को उतारकर फरार हो गया. मृतक के बेटों ने शव को घर तक ले जाने के लिए ठेले की जुगाड़ की. वह उसके जरिए पिता के शव को घर तक ले गए.इस मामले में एंबूलेंस चालक विजय शंकर का कहना है कि वह शव को लेकर बहदुरा गांव गया था. उसने परिजनों के कहने पर शव को वहीं उतार दिया था. परिजनों ने उससे कहा था कि शव को यहीं उतार दो. उनके परिचित देखने के लिए यही आ रहे हैं. चालक ने बताया कि परिजनों ने उससे खुद कहा था कि हम शव को ठेले से लेकर गांव चले जाएंगे.
रिपोर्ट-मुकेश मिश्रा/बलिया