शर्मनाक! कुत्तों के खून की तस्करी, नसों से निकालकर ऊंचे दामों पर बेच रहे; पकड़ा गया गैंग

शर्मनाक! कुत्तों के खून की तस्करी, नसों से निकालकर ऊंचे दामों पर बेच रहे; पकड़ा गया गैंग

अब सड़क पर घूमने वाले कुत्ते भी सुरक्षित नहीं हैं. इनका खून निकालकर बेचा जा रहा है. बरेली से ये हैरान करने वाला मामला सामने आया है. एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. इस मामले में खुद बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने हस्तक्षेप किया. रसूखदारों को जब उनके कुत्ते के लिए खून की जरूरत पड़ती है, तो वह गिरोह से संपर्क करते थे.

इंसानों के खून की सौदागरी के बाद अब लोग जानवरों को भी नहीं छोड़ रहे. बरेली से ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां सड़कों पर घूमने वालों कुत्तों को पहले पकड़ा जाता है फिर उनकी नसों से खून को खिंचा जाता है और फिर उसको ऊंची कीमतों में बेचा जाता है. बीजेपी सांसद मेनका गांधी के हस्तक्षेप के बाद जानवरों के खून के सौदागरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है.

अब सड़क पर घूमने वाले कुत्ते भी सुरक्षित नहीं हैं. इनका खून निकालकर बेचा जा रहा है. जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था पीपल फॉर एनिमल्स यानी पीएफए के सदस्यों के मुताबिक कई दिनों से ऐसे गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी जो सड़क पर घूमने वाले कुत्तों का खून निकाल रहे हैं. ये गिरोह इस खून को मोटे दामों पर बेच रहा है, और पैसा कमा रहा है.

गिरोह के सदस्यों ने दर्ज करवाया मामला

इस गिरोह के सदस्यों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. इससे पहले कोतवाली में दोनों पक्ष जुटे और आरोप प्रत्यारोप का दौर चला. पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के धीरज पाठक ने बताया कि कई दिनों से ऐसे गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी. कई लोगों ने पशु प्रेमियों को बताया कि कोतवाली के आलमगीरीगंज घी मंडी निवासी वैभव शर्मा और उसके साथी यह काम कर रहे हैं.

बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने किया हस्तक्षेप

इससे पहले बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने पुलिस अधिकारियों को कॉल करके शिकायत की थी. कोतवाली में दोनों पक्षों के साथ ही नगर निगम की कुत्ता पकड़ने वाली टीम बुलाई गई. यहां तीखी बहस के बाद भी नतीजा नहीं निकला तो वैभव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई. पीएफए सदस्यों ने आरोप लगाया कि वैभव शर्मा नगर निगम में कुत्तों की नसबंदी करने वाली एक संस्था के साथ काम कर चुका है. वैभव आसानी से सड़क पर घूमने वाले कुत्तों को पकड़ लेता है. रसूखदारों को जब उनके कुत्ते के लिए खून की जरूरत पड़ती है तो वह वैभव से संपर्क करते हैं. इसके काम के लिए वैभव पांच से दस हजार रुपये लेता है. इतना ही नहीं बहस के दौरान आरोपी ने इस बात को स्वीकार भी किया.