WITT Satta Sammelan: कश्मीर में पहले शांति खरीदी जाती थी, अब वहां गुड गवर्नेंसः LG मनोज सिन्हा

WITT Satta Sammelan: कश्मीर में पहले शांति खरीदी जाती थी, अब वहां गुड गवर्नेंसः LG मनोज सिन्हा

'सत्ता सम्मेलन' के बदलते कश्मीर की बात करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर में आज सभी धर्म के लोगों को अपना त्योहार मनाने की आजादी है. अब यहां पर तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है. यहां कोई भी जमीन खरीद सकता है. कश्मीरी पंडित खुद को ताकतवर महसूस करने लगे हैं."

टीवी9 नेटवर्क के ‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ के ‘सत्ता सम्मेलन’ में मंगलवार बदलते जम्मू-कश्मीर के बारे में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुलकर अपनी बात रखी. केंद्र शासित प्रदेश में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शांति बहाली की बात करते हुए कहा कि पहले वहां पर शांति खरीदी जाती थी, अब वहां गुड गवर्नेंस है. जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किए जाने को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि वक्त आने पर उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा.

‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ के ‘सत्ता सम्मेलन’ के ‘कश्मीर की नई कहानी’ सत्र में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर में आज सभी धर्म के लोगों को अपना त्योहार मनाने की आजादी है. अब यहां पर तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है. अब यहां कोई भी जमीन खरीद सकता है. कश्मीरी पंडित खुद को ताकतवर महसूस करने लगे हैं.”

कैसे खरीदी जाती थी शांति

कश्मीर की बदलती फिजा का जिक्र करते हुए एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि वहां पर स्थिति पहले की तुलना में बहुत बदल गई है. कश्मीर में युवा रात 11 बजे झेलम नदी के किनारे गिटार बजाते दिख जाएंगे. अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर बदल चुकी है. मेरा मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री (अमित शाह) की नीतियों की वजह से यह संभव हो पाया. दिल्ली में अब की सरकार शांति खरीदने में विश्वास नहीं करती है. पहले यहां पर शांति खरीदी जाती थी, लेकिन अब दिल्ली सरकार और जम्मू-कश्मीर का प्रशासन यहां पर स्थायी तौर पर शांति स्थापित करने पर विश्वास करता है. यहां गुड गवर्नेंस है.

शांति खरीदी जाने के बारे में विस्तार से बताते हुए एलजी मनोज सिन्हा ने कहा, “इसका मतलब यह हुआ कि जो लोग शांति में बाधक होते थे, उनसे बातचीत की जाती थी. ऐसे लोग जिनको जेल में होना चाहिए था, उनको सरकारी हवाई जहाज से श्रीनगर से बुलाकर दिल्ली में बातचीत की जाती थी. यही शांति खरीदी जाती थी. जब मैं वहां गया तो 54 ऐसे लोगों को सरकारी नौकरियों से बाहर किया है जिनका संबंध कहीं न कहीं आतंकी गतिविधियों से रहा है. कई आतंकियों के परिवार के लोग सरकारी नौकरियों में थे.”

हमलों में 75 फीसदी की कमी आईः LG मनोज सिन्हा

कश्मीर में पिछले 4 सालों में आए बदलाव के बारे में एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि देश के लोकतंत्र में सबको आजादी है कुछ भी कहने की. हालात को जानने के लिए 3 अहम पैमाने होते हैं कि कितनी हिंसक घटनाएं हुईं, कितने लोग मारे गए और सुरक्षा बल के कितने जवान मारे गए. अगर आप पिछले 4 सालों और उसके 4 सालों की तुलना करें तो आप पाएंगे कि इस दौरान 75 फीसदी से ज्यादा ऐसी घटनाओं में कमी आई है. अब वहां पर तिरंगा यात्रा हो, या फिर मेरी माटी मेरा देश जैसे कार्यक्रम होने लगे हैं. पहले हमलों की वजह से चर्चा होती थी. लेकिन कुछ लोग हैं जो इस बदलाव को समझ नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले शाम होता था तो सोचते थे कि जल्दी से घर पहुंच जाएं. अब आप जाइए, श्रीनगर में लोग नाइट लाइफ का आनंद लेते युवा दिखाई देंगे.

जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाने को लेकर एलजी मनोज सिन्हा ने गृह मंत्री (अमित शाह) ने संसद में पहले ही कह चुके हैं कि कश्मीर में विधानसभा की सीटें बढ़ रही हैं. नई वोटर लिस्ट बन गई है. लोकसभा चुनाव होने जा रहा है. सितंबर तक यहां पर विधानसभा के चुनाव हो जाएंगे. अगल एक-दो महीने में यहां पर लोकसभा चुनाव भी हो जाएंगे.