विचारों पर कायम रहने वाले नेता…कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और BJP नेता गौरव भाटिया को याद आए शफीकुर्रहमान बर्क
11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में शफीकुर्रहमान बर्क का जन्म हुआ था. वह सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. बर्क चार बार विधायक और पांच बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं. बर्क के निधन पर समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने शोक जताया है.
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार यानि आज निधन हो गया. वह 93 साल के थे. शफीकुर्रहमान बर्क के निधन पर समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने शोक जताया है. टीवी9 के सत्ता सम्मेलन कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं शफीकुर्रहमान बर्क को एक अरसे से जानता हूं. बर्क साहब का एक नजरिया था. वह अपने विचारों पर कायम रहने वाले थे. मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
वहीं बाजेपी नेता गौरव भाटिया ने कहा कि वह एक अनुभवी सांसद थे. उनकी विचारधारा से सहमत हूं या ना, लेकिन यह जरूर कहूंगा कि वह आत्मविश्वास से लबरेज रहने वाले नेता थे. उनका भारतीय राजनीति में योगदान रहा है. क्योंकि लोकतंत्र जीवित और मजबूत तभी रहता है, जब हर पक्ष की बात आए. उनको हमें श्रद्धांजलि है. वह एक सार्थक और सफल जीवन जी कर दुनिया को अलविदा कहे. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बर्क के निधन पर शोक जताया है. अखिलेश यादव ने X पर लिखा कि बर्क साहब का इंतकाल दु:खद है. उनकी आत्मा को भगवान शांति दें.
लंबे समय से बीमार चल रहे थे शफीकुर्रहमान बर्क
शफीकुर्रहमान बर्क लंबे समय से बीमार चल रहे थे. इस महीने उनका स्वास्थ्य और बिगड़ गया था, जिसके बाद उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, शरीर के कई अंग काम कना बंद हो गए थे. मल्टी ऑर्गन फेल होने की वजह से उनका निधन हुआ है. इस बार समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था.
चार बार विधायक और पांच बार बने सांसद
11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में शफीकुर्रहमान बर्क का जन्म हुआ था. वह सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. बर्क चार बार विधायक और पांच बार सांसद का चुनाव जीते. साल 2014 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े और जीते. इसके बाद सपा के टिकट पर 1996 में लोकसभा चुनाव में उतरे और जीत हासिल की शफीकुर्रहमान बर्क कई बार अपने बयानों के लिए विवादों में रहे. वह तब सुर्खियों में रहे जब वंदे मातरम को इस्लाम के खिलाफ बताया. तब बर्क ने कहा था कि वह इसका पालन नहीं करेंगे.