देश में तीन साल में बंद हुईं 1,330 कंपनियां, कॉमर्स मिनिस्टर ने संसद में बताई अहम बात
मोदी सरकार ने बताया कि पिछले तीन सालों के दौरान 1,330 विदेशी कंपनियां और विदेशी कंपनियों की सब्सिडरियां बंद हुईं हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को लिखित जबाव में यह कहा है.
संसद में मोदी सरकार ने शुक्रवार को बताया कि पिछले तीन सालों के दौरान 1,330 विदेशी कंपनियां और विदेशी कंपनियों की सब्सिडरियां बंद हुईं हैं. हालांकि, समान अवधि में, भारत में 4,994 नई विदेशी कंपनियां और विदेशी कंपनियों की सब्सिडरी रजिस्टर हुईं हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को लिखित जबाव में यह कहा है. उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा समय में 17,432 विदेशी कंपनियां और विदेशी कंपनियों की सब्सिडरी काम कर रही हैं.
गोयल ने ये बताईं वजहें
गोयल ने कहा कि पिछले तीन में 1,330 विदेशी कंपनियां और विदेशी कंपनियों की सब्सिडरी को बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन्स बंद करना निजी कमर्शियल बिजनेस से जुड़े फैसले का मामला है. गोयल ने आगे कहा कि यह कई चीजों पर निर्भर करता है. जैसे ऑपरेशन्स की विजिबिलिटी, संसधानों की उपलब्धता, बाजार का साइज, इंफ्रास्ट्रक्चर, राजनितिक और मैक्रोइकोनॉमिक माहौल के साथ किसी निश्चित कारोबारी इकाई का देश में संचालन करने का फैसला शामिल है.
इस बीच व्यापार घाटे पर सवाल का जवाब देते हुए वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 2020-21 में 44 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 73.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पटेल ने आगे कहा कि चीन से आयात किया गया ज्यादातर सामान कैपिटल गुड्स, इंटरमीडिएट गुड्स और कच्चा माल होता है, जिसे भारत में तेजी से विस्तार कर रहे सेक्टर्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम और ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
आयात पर क्यों निर्भर है देश, गोयल ने बताया
पटेल ने यह भी कहा कि भारत की इन कैटेगरी में आयात पर निर्भरता के पीछे वजह बड़े तौर पर घरेलू मांग और सप्लाई के बीच अंतर है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इससे पहले कहा था कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कई विवादों का द्विपक्षीय समाधान तलाश रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें नयी साझेदारी और व्यवस्था बनाने की जरूरत है, ताकि फैसले करते समय ग्लोबल साउथ की आवाज सुनाई दे.
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कई विवादों का द्विपक्षीय समाधान तलाश रहे हैं.