संविधान और लोकतंत्र से नफरत करते हैं मोदी…ज्योति मिर्धा के संविधान बदलने वाले बयान पर कांग्रेस का हमला

संविधान और लोकतंत्र से नफरत करते हैं मोदी…ज्योति मिर्धा के संविधान बदलने वाले बयान पर कांग्रेस का हमला

अनन्त हेगड़े के बाद बीजेपी उम्मीदवार ज्योति मिर्धा ने संविधान बदलने की बात कही है. मिर्धा के इस बयान पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है. कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी संविधान और लोकतंत्र से नफरत करते हैं.

राजस्थान के नागौर से बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के संविधान बदलने वाले बयान पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस ने कहा कि अनंत कुमार हेगड़े के बाद बीजेपी के एक और उम्मीदवार ने संविधान बदलने की बात की है. इन दोनों नेताओं के बयान से ये साफ है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी संविधान और लोकतंत्र से नफरत करते हैं.

ज्योति मिर्धा कहती हैं कि संविधान बदलने के लिए हमें दोनों सदनों में प्रचंड बहुमत चाहिए. वहीं इससे पहले अनंत हेगड़े ने कहा था कि अगर लोकसभा चुनावों में 400 सीट मिली तो हम संविधान बदल देंगे. कांग्रेस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बाबासाहेब के दिए संविधान को खत्म करना चाहती है. जनता से उनके अधिकार छीन लेना चाहती है.

संविधान को खत्म करना बीजेपी का लक्ष्य- थरूर

ज्योति मिर्धा के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, बीजेपी का लक्ष्य संविधान को बदलना है. सच्चाई उजागर करने के लिए भाजपा और कितने उम्मीदवारों को अस्वीकार कर सकती है? बता दें कि बीजेपी ने इस बार छह बार के सांसद हेगड़े का टिकट काट दिया. पार्टी ने संविधान बदलने वाले हेगड़े के बयान से किनारा कर लिया था.

थरूर के बयान परमिर्धा का पलटवार

वहीं, शशि थरूर के ट्वीट पर ज्योति मिर्धा ने पलटवार करते हुए लिखा, भाजपा का उद्देश्य राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित की सेवा करना है. अगर उन उद्देश्यों के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता पड़े तो ऐसा होगा. हाल ही में पिछले साल सितंबर में महिला आरक्षण विधेयक के लिए संविधान में संशोधन किया गया. 1950 से पिछले साल तक संविधान में 106 संशोधन हुए हैं. इस ऐतिहासिक संशोधन के कारण महिलाओं के संसद में 33 फीसदी आरक्षण का सपना साकार हो पाया.

ज्योति मिर्धा ने क्या कहा?

देशहित में कई कड़े फैसले लेने पड़ते हैं. अगर संविधान के अंदर हमें कोई बदलाव करना होता है तो आप में से कई लोग जानते होंगे कि हमें संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी की आवश्यकता है. लोकसभा में आज बीजेपी और एनडीए के पास प्रचंड बहुमत है लेकिन राज्यसभा में आज भी हमारे पास बहुमत नहीं है. अगर तीसरी बार एनडीए की सरकार आती है तो हम जरुरत पड़ने पर संविधान में संशोधन करेंगे.