लोग दबाकर कर रहे क्रेडिट कार्ड से खर्च, बकाया पहुंचा 1.87 लाख करोड़

लोग दबाकर कर रहे क्रेडिट कार्ड से खर्च, बकाया पहुंचा 1.87 लाख करोड़

इस वर्ष जनवरी में क्रेडिट कार्ड के जरिये 1.28 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए जो दिसंबर, 2022 में 1.26 लाख करोड़ रुपये थे। राव ने बताया कि सालाना आधार पर यह वृद्धि 45 प्रतिशत है.

Covid-19 महामारी के बाद कंज्यूमर्स का भरोसा बढ़ने और डिजिटलाइजेशन में तेजी से जनवरी, 2023 में क्रेडिट कार्ड का बकाया (Credit Card Dues) 29.6 फीसदी बढ़कर 1.87 लाख करोड़ के लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह के दौरान क्रेडिट कार्ड का बकाया 20 फीसदी से भी अधिक बढ़ गया. जून में सर्वाधिक 30.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी.

एसबीआई कार्ड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी रामा मोहन राव अमारा ने बताया कि कई कैटेगिरीज का डिजिटलाइजेशन होने के चलते मौजूदा ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड के जरिये अधिक खर्च कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुगमता से भुगतान करने की सुविधा ने वृद्धि में निश्चित ही योगदान दिया है, खासकर हेल्थ एवं फिटनेस, एजुकेशन, पानी-बिजली के बिल आदि कैटेगिरीज में यूज ज्यादा देखने को मिला है.

11 महीनों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का इजाफा

क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को लेकर मासिक रुझानों के बारे में राव ने कहा कि बीते कुछ महीनों से क्रेडिट कार्ड के जरिये खर्च में लगातार वृद्धि हो रही है. इस वर्ष जनवरी में क्रेडिट कार्ड के जरिये 1.28 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए जो दिसंबर, 2022 में 1.26 लाख करोड़ रुपये थे. राव ने बताया कि सालाना आधार पर यह वृद्धि 45 प्रतिशत है और बीते 11 महीनों से क्रेडिट कार्ड से व्यय एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बना हुआ है.

बकाए में भी लगातार इजाफा

जनवरी, 2023 के अंत तक विभिन्न बैंकों ने करीब 8.25 करोड़ क्रेडिट कार्ड जारी किए थे. क्रेडिट कार्ड जारी करने के मामले में देश के पांच शीर्ष बैंकों में एचडीएफसी बैंक, एसबीआई कार्ड, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक बैंक शामिल हैं. रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि जनवरी, 2023 में क्रेडिट कार्ड बकाया में वार्षिक वृद्धि 29.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले समान महीने में करीब 10 प्रतिशत थी. जनवरी, 2022 में बकाया राशि 1,41,254 करोड़ रुपये थी जो जनवरी 2023 में बढ़कर 1,86,783 करोड़ रुपये हो गई.