Dhar Bhojshala: भोजशाला में ASI का लगातार 5वें दिन भी सर्वे जारी, अब तक क्या-क्या हुआ?

Dhar Bhojshala: भोजशाला में ASI का लगातार 5वें दिन भी सर्वे जारी, अब तक क्या-क्या हुआ?

धार की भोजशाला/कमाल मौला मस्जिद परिसर में मंगलवार को हिंदुओं ने पूजा-अर्चना की. इसके साथ ही ASI की एक टीम ने कोर्ट लगातार 5वें दिन भी अपना सर्वे जारी रखा. सात अप्रैल 2003 के ASI के आदेश के अनुसार, हिंदुओं को हर मंगलवार को भोजशाला परिसर के अंदर पूजा करने, जबकि मुस्लिमों को शुक्रवार को वहां पर नमाज अदा करने की अनुमति है.

मध्य प्रदेश की धार की भोजशाला में ASI का सर्वे आज लगातार 5वें दिन भी जारी है. शुक्रवार यानि 22 मार्च से ASI का सर्वे शुरू हुआ था. शुक्रवार वो दिन है, जब भोजशाला में मुल्सिम पक्ष नमाज अदा करता है. आज मंगलवार को भी ASI का सर्वे जारी है. मंगलवार के दिन हिंदू पक्ष पूजा-अर्चना करता है. आज भी सुबह से ही सर्वे जारी रहा. दूसरी तरफ आज हिंदुओं ने भी पूजा-अर्चना की. आइए आपको बताते हैं कि इन पांच दिनों के ASI सर्वे में क्या क्या हुआ?

22 मार्च यानि शुक्रवार के दिन भोजशाला का सर्वे ASI ने शुरू किया था. ASI की टीम सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर भोजशाला पहुंची. पांच सदस्यों वाली टीम ने पहले दिन भोजशाला में स्थित स्तंभों का अध्ययन किया, फोटोग्राफी, परिसर की लंबाई-चौड़ाई मापी गई. इस दौरान 15 से ज्यादा अधिकारी, 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा में मौजूद रहे. 60 से ज़्यादा कैमरों से निगरानी की गई. पहले दिन 5.30 घंटे सर्वे चला था.

23 मार्च, शनिवार सर्वे का दूसरा दिन

भोजशाला सर्वे का ये दूसरा दिन था. शनिवार को सर्वे 9 घंटे चला. इस दौरान ASI की टीम ने कुंड की बनावट की जांच की. वहीं इस पर बनी नक्काशी की भी जांच की गई. हिंदू पक्ष का दावा है कि ये सैकड़ों वर्ष पुराना यज्ञ कुंड है. वहीं मुस्लिम पक्ष इसे नमाज से पहले वजू करने का कुंड करार देता है.

24 मार्च, रविवार सर्वे का तीसरा दिन

24 मार्च रविवार का दिन था. ASI की टीम अवकाश के दिन भी भोजशाला पहुंची. रविवार के दिन ASI की टीम ने पहली बार खुदाई की. गर्भगृह के पिछले हिस्से में तीन फीट तक खुदाई की गई, ताकि नींव का पता लगाया जा सके की ये कितना पुराना है. इस दिन सर्वे 9.30 घंटे तक चला.

चौथा दिन 25 मार्च

25 मार्च को होली थी, लेकिन इस दिन भी ASI की टीम भोजशाला में सर्वे कर रही थी. होली के दिन ASI की टीम पहली बार 23 मजदूरों को लेकर पहुंची. भोजशाला में एक ब्लॉक को 6 फीट तक खोदा गया. खुदाई में हिंदू पक्ष से जुड़े अवशेष मिलने का दावा भी हिंदू पक्ष द्वारा किया गया. होली वाले दिन सर्वे सात घंटे तक चला.

5वां दिन 26 मार्च

आज इस सर्वे का पांचवा दिन है. आज सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर टीम भोजशाला पहुंची. आज के दिन पूजा-पाठ भी की गई. सर्वे टीम ने स्तंभ पर बनी कलाकृति पर कैमिकल लगाकर, कागज पर स्कैच बनाया. हिंदू पक्ष इन कलाकृतिओं को देवी-देवताओं की प्रतिमा बताता है. स्तंभ को हल्का खुरचा भी गया, फिलहाल सर्वे जारी है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने सर्वे को शून्य करने की बात कही और कहा कि हमें नहीं बताया गया. 2003 के बाद से भोजशाला में नई चीजें अंदर गई हैं.

11 मार्च को हाई कोर्ट ने सर्वे का दिया था आदेश

बता दें कि बीते 11 मार्च को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ASI को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. मध्यकालीन युग के इस स्मारक को हिंदू, देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं और मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं. अदालत के निर्देशों पर वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ASI टीम ने 22 मार्च को आदिवासी बाहुल्य जिले में विवादित परिसर में अपना सर्वेक्षण शुरू किया.

भोज उत्सव समिति के उपाध्यक्ष बलवीर सिंह ने कहा कि ASI सर्वे से विवाद का बेहतर समाधान निकलेगा. ऐसा माना जाता है कि एक हिंदू राजा भोज ने 1034 ई. में भोजशाला में वाग्देवी की मूर्ति स्थापित की थी. हिंदुओं का कहना है कि अंग्रेज इस मूर्ति को 1875 में लंदन ले गए थे.