ये देश बाबर का नहीं, रघुवर का है… हिंदू राष्ट्र पर फिर खुलकर बोले बागेश्वर धाम

ये देश बाबर का नहीं, रघुवर का है… हिंदू राष्ट्र पर फिर खुलकर बोले बागेश्वर धाम

बागेश्वर धाम सरकार ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत की है. उन पर अब तक जो आरोप लगे हैं, उन्होंने उसके बेबाक जवाब दिए हैं.

बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. टीवी9 भारतवर्ष ने उनसे खास बातचीत की है. उनसे हर तरह के सवाल किए गए. कई सवाल ऐसे हैं जिनसे आज तक बाबा बागेश्वर का आमना-सामना नहीं हुआ. अपने ऊपर लगे आरोपों के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरोप तो भगवान पर भी लगे, हम तो फिर भी आम आदमी हैं. बागेश्वर धाम ने एक बार फिर दोहराया कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना जरूरी है. भारत पंथ निरपेक्ष है, धर्मनिरपेक्ष नहीं. हिंदू राष्ट्र में सभी धर्मों के लोग रहेंगे.

यहां पढ़ें धीरेंद्र शास्त्री से कौन-कौन से सवाल किए गए और उन्होंने उनके क्या-क्या जवाब दिए:

सवाल: आप धर्म निरपेक्ष और पंथ निरपेक्ष राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र बनाने में लगे हैं, क्यों?

जवाब: भारत पंथ निरपेक्ष है, धर्म निरपेक्ष नहीं है. भारत हिंदू राष्ट्र होना चाहिए. बार-बार जातिवाद की वैमन्सयता, बार-बार जातियों की कुरीति फैलाना, असामाजिक तथ्यों द्वारा भगवान राम की यात्रा पर पत्थर फेंकना, पालघर के संतों को मारना, रामचरितमानस की प्रतियां जलाना, ऐसी परिस्थिति में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना आवश्यक है.

सवाल: आप लोगों को प्रवचन देते हैं, कहते हैं कि अपनी इंद्रियों को वश में करो, अब आप कह रहे हैं कि बुलडोजर ले लो, पत्थर ले लो, वो किस को मारेंगे?

जवाब: ये उद्बोधन बहुत अच्छा है. भगवान राम के चरित्र में काम, क्रोध और ईर्ष्या से मुक्ति है तो वीरता का भी दर्शन है. वीरता का दर्शन मत भूलिए. जब समुद्र नहीं मानता है तो भगवान राम धनुष भी उठाते हैं. इसमें कौन सी दिक्कत है. कोई आप पर आक्रमण करे और आपके पास कोई सुविधा न हो तो आत्मरक्षा करना ही धर्म है. आत्मरक्षा नहीं करेंगे तो नहीं बचेंगे. नहीं बचेंगे तो संविधान कौन मानेगा. आत्मरक्षा के लिए बुलडोजर उठाना गलत है तो किसी को दिक्कत है तो वो क्रेन उठाए, कोई और मशीन ले ले. आत्मरक्षा के लिए ऐसा कहा, इसमें हिंसा की बात नहीं है. हम मारने की बात नहीं कर रहे, शस्त्र और शास्त्र में एक मात्रा का अंतर है, हमारे सनातन का शास्त्र और शस्त्र मारने का नहीं झुकाना सीखाता है.

सवाल: आपके हिंदू राष्ट्र में मुसलमान और ईसाई रहेंगे?

जवाब: बिल्कुल रहेंगे, बेझिझक रहेंगे. सभी धर्मों में समन्वय होगा. धर्म तो देखो सनातन ही है, बाकी पंत हैं. ये संविधान भी कहता है. ऐसा महापुरुषों ने भी कहा है.

सवाल: आप ऐसा कह रहे हैं, लेकिन जमीयत के 2 नेता हैं महमूद मदनी और अशरद मदनी, उनका कहना है कि दुनिया का सबसे पुराना धर्म इस्लाम है और जो मनु थे वो ओम यानी अल्लाह की पूजा करते थे.

जवाब: अपना करिया लड़का भी सबको पसंद आता है.

सवाल: आपको क्या लगता है कि देश के बहुसंख्यक समुदाय पर कोई खतरा है?

जवाब: कोई खतरा नहीं है. सनातन को कोई कभी मिटा नहीं सकता है. ये बार-बार हमारे सनातनियों को छोटी-छोटी ट्रिक दिखाकर, डराकर, धमकाकर जो धर्मांतरण किया जाता है, हमारे सनातन के मंदिरों के साथ खिलवाड़ किया जाता है. इस सबसे हमारे मन में एक पीड़ा है और वो आज की नहीं है. पालघर में संतों के साथ जो हुआ क्या वो सनातनी थे, अक्षरधाम में 40 हिंदू मारे गए, क्या वो सनातनी थे, मुंबई में जो हुआ, क्या वो सनातनी थे, अयोध्या में राम मंदिर को छिन्न-भिन्न कर मस्जिद बनाई गई, क्या ये सनातनियों ने किया? ये देश बाबर का नहीं है, ये देश रघुवर का है.

सवाल: आप जो बोलते हैं, उससे लोगों की भावनाएं भड़कती हैं.

जवाब: अगर किसी की भावनाएं भड़कती हैं तो उसे मलहम लगाना चाहिए, पानी पीना चाहिए, अपने घर पर फ्रिज रखना चाहिए.

सवाल: आप पर आरोप है कि आप अंधविश्वास को फैलाते हैं. भूत-प्रेत भगाने के नाम पर अंधविश्वास को बढ़ाते हैं?

जवाब: आप सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को मानते हैं. नकारात्मक ऊर्जा भूत-प्रेत है और सकारात्मक ऊर्जा बालाजी की कृपा है. ये ध्यान का विषय है. ये अनुभव और साधना का विषय है. ये प्रदर्शन का विषय नहीं है.

सवाल: कुछ समय पहले आप पर संकट के बादल थे, आप नागपुर क्यों नहीं पहुंच पाए?

जवाब: नागपुर में हम थे, 7 दिन कथा की और 2 दिन दरबार लगाया. जिनके कारण आप पूछ रहे हैं न वो पहुंच पाए और न आप पहुंच पाए. हमारे पास कोई लीगत कागज नहीं आया और न कोई आदमी आया. हमने उनकी चुनौती स्वीकार की. जब तक जिएंगे तब तक धर्म विरोधियों की चुनौती स्वीकार करेंगे.

सवाल: आपको नहीं लगता कि नागपुर वाले मामले में सफाई आने में बहुत देर हुई? और वो देर आपके लिए फायदेमंद हुई, जितनी बात फैली उतनी भीड़ यहां हुई.

जवाब: ऐसा नहीं है, ये समुदाय पहले का है. 11 साल से हम दरबार लगा रहे हैं. हमारे दादा गुरुजी ने 40 वर्ष तक दरबार लगाया है. टीवी मीडिया एक माध्यम है, साधन है, साध्य नहीं. हमारी तरफ से प्रतिक्रिया बहुत कम ही जाती है. हम क्यों सफाई दें, क्या हम फरमाइशी प्रोग्राम हैं. सूरज क्यों सफाई दे. हर किसी की चुनौती पर हम जवाब नहीं देंगे.

सवाल: आपने एक बार कहा कि आपका हनुमान जी के साथ साक्षात्कार हुआ?

जवाब: हमने ऐसा कभी नहीं हुआ. हमने दादा गुरुजी से जो सुना, वो अलग अनुभव था. वो राम-राम जपते रहते थे, आंसू बहते रहते थे. हमें तो उनमें भी हनुमान जी नजर आते थे.

सवाल: आपके दरबार में कई नेता आ रहे हैं. क्या आप बता पाएंगे कि मध्य प्रदेश में कौन सरकार बना रहा है?

जवाब: राजनीति और राजनेताओं पर हमारा कोई कमेंट नहीं होता है. हमारा किंगमेकर बनने का सपना नहीं है. हमारा सपना भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है.

सवाल: आप दावा करते हैं कि यहां आने से लोग ठीक हो जाएंगे, उनके प्रेत हट जाएंगे, बीमार ठीक हो जाएगी, ऐसे तो आप डॉक्टरों की दुकान बंद कर देंगे.

जवाब: डॉक्टरों के खिलाफ हमने कुछ नहीं कहा. दुआ और दवा दोनों की चर्चा करते हैं. यहां औषधालय खुलवाया है, कैंसर अस्पताल खुलवाएंगे, डॉक्टरों से चर्चा करते हैं. कई डॉक्टर हमारे शिष्य हैं.

सवाल: सनातन राष्ट्र बनाने के नाम पर आप लोगों को बांटते हैं?

जवाब: इस देश में लोगों को जाति के नाम पर बांटा गया, पंथ के नाम पर बांटा गया, अपने-अपने धर्म के नाम पर लोग राजनीति करते हैं. हमने सिर्फ एक धर्म की बात की. हिंदू राष्ट्र होगा और उसमें सब रहेंगे. जो जिसका मानता है, उसे वो अधिकार है. हम तो अपने धर्म के लोगों को जगा रहे हैं.

सवाल: लोग जानना चाहते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध कब थमेगा?

जवाब: प्रतिदिन बालाजी के चरणों में हमारी पहली अर्जी ये ही लगती है कि विश्व का कल्याण हो, प्राणियों में सद्भावना हो, कल क्या होगा, ये बालाजी के अलावा कोई नहीं जानता. इस विषय पर कोई अर्जी लगाएगा तो हम बताएंगे, अभी तक इस पर किसी ने हमारे दरबार में अर्जी नहीं लगाई है.

सवाल: 9 साल की उम्र में आप सत्य नारायण कथा करने जाते थे और जो मिलता था, उसी से घर के लोगों का पेट भरता था.

जवाब: बिल्कुल, इस भारत में ही नहीं दुनिया में कई लोग संघर्ष कर उच्च शिखर पर पहुंचे हैं. कामयाबी सहज नहीं मिलती, आपने भी संघर्ष किया होगा, तब यहां बैठे हैं. लोग अभाव में जीते हैं, हम भी जिए, कई महापुरुषों ने संघर्ष किया, हमने तो कम किया. भगवान राम ने कितना कष्ट सहा.

सवाल: क्या आप छुआछूत को मानते हैं?

जवाब: छुआछूत को लेकर जो बयान है, वो हमने उस आदमी के लिए नहीं, खुद के लिए कहा. हम ऐसी बात नहीं कर सकते. हम तो ये भी कहते हैं कि हम अनपढ़ हैं, गंवार हैं. हम कहते हैं कि हम मूर्ख हैं. ये तो कोई नहीं उठाता.

सवाल: आपकी शादी कब हो रही है और किससे हो रही है?

जवाब: ये भी पुराना विषय है. बालाजी ने चाहा तो बहुत जल्दी होगी. गुरु प्रेरणा, माता-पिता जहां तय करेंगे, हम तो संस्कार में पले बढ़े हैं. ये भारतीय परंपरा के अनुरूप हैं. जहां माता-पिता कहेंगे हम वहां कर लेंगे.

सवाल: आपको गुस्सा क्यों आता है?

जवाब: गुस्सा नहीं आता है, सच बोलने पर हमारे अंदर ज्वाला भभकती है और सनातनियों के अंदर ज्वाला होनी ही चाहिए.