महंगाई होगी कम, घटेगा टैक्स… सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल, FM ने भी कही ये बात!
रिटेल महंगाई दर के जनवरी 2023 में 6 प्रतिशत से अधिक रहने के बाद खबर है कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम कर सकती है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि राज्यों के सहमत होने पर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा. शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक होनी है
देश में खुदरा महंगाई ‘सुरसा के मुंह’ की तरह बढ़ रही है. जनवरी 2023 में ये 6.52 प्रतिशत की दर पर रही है, जो भारतीय रिजर्व बैंक की 6 प्रतिशत की अधिकतम सीमा से भी ज्यादा है. ऐसे में खबर है कि केन्द्र सरकार जल्द ही पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की दर कम कर सकती है, ताकि महंगाई पर लगाम लगाई जा सके. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक औद्योगिक संगठन के कार्यक्रम में संकेत दिए कि अगर राज्य सहमत होतें हैं तो सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में ले आएगी. उनका ये बयान शनिवार को होने जा रही जीएसटी परिषद की बैठक से ठीक पहले आया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के सदस्यों से मुखातिब थीं. इस दौरान जब उनसे पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लेकर पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अगर राज्यों के बीच इस पर समझौता हो, तो इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि राज्यों को बिजली समेत अलग-अलग सेक्टर में सुधार करने के लिए उनकी सरकार बढ़ावा दे रही है. वहीं ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ व्यवस्था को लागू करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है.
घटेगा टैक्स…सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल
देश में महंगाई के ऊंचाई पर बने रहने के बीच सरकार के पेट्रोल-डीजल और अन्य फ्यूल पर टैक्स कम करने की उम्मीद की जा रही है. ईटी ने रॉयटर्स के हवाले से खबर दी है कि खुदरा महंगाई को दायरे में रखने के लिए सरकार मक्का और फ्यूल पर टैक्स की दरों में कमी कर सकती है.
इस संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करने को लेकर सरकार मार्च में फैसला करेगी. तब तक फरवरी के रिटेल महंगाई दर के आंकड़े भी आ जाएंगे.
जनवरी 2023 में रिटेल महंगाई दर 6.52 प्रतिशत रही है. ये पिछले साल दिसंबर में 5.72 प्रतिशत थी. इतना ही नहीं सूत्रों का कहना है कि खाने-पीने की चीजों के दाम पर महंगाई का असर बना रहेगा. दूध, मक्का और सोयाबीन तेल की कीमतें ऊंची बनी रह सकती हैं. सरकार मक्का जैसी जिंस पर टैक्स की दर कम कर रही है, जबकि ईंधन पर टैक्स दोबारा कम किया जा सकता है