Anil Ambani को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 420 करोड़ की कर चोरी से जुड़ा है मामला
रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को कर चोरी से जुड़े एक मामले में बड़ी राहत मिली है. बांबे हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अहम निर्देश जारी किए हैं.
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के भाई और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (Reliacne Anil Dhirubhai Ambani Group) के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) को बांबे हाईकोर्ट (Bombay Market) ने बड़ी राहत दी है. कालाधन कानून के तहत कथित कर चोरी (Tax Evasion) से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए आयकर विभाग को कई अहम निर्देश जारी किए हैं. इसमें सबसे बड़ी राहत पेनल्टी नोटिस पर आयकर विभाग (Income Tax) को 17 मार्च तक किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकना है.
अनिल अंबानी को कालाधन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कानून-2015 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इसे अनिल अंबानी ने बांबे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर न्यायमूर्ति जी. एस. पटेल और नीला गोखले की पीठ ने सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया.
420 करोड़ की कर चोरी का है मामला
आयकर विभाग ने अनिल अंबानी को 420 करोड़ रुपये की कथित टैक्स चोरी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था. आयकर विभाग ने अंबानी को ये नोटिस 8 अगस्त 2022 को जारी किया था. नोटिस के मुताबिक अनिल अंबानी के पास स्विस बैंक खाते में 814 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय को छिपा कर रखा गया है. इस पर करीब 420 करोड़ रुपये का टैक्स बनता है.
अनिल अंबानी को बांबे हाईकोर्ट से राहत
अनिल अंबानी की ओर से वरिष्ठ वकील रफीक दादा ने दलील पेश की . उन्होंने कोर्ट को बताया कि कारण बताओ नोटिस के साथ ही आयकर विभाग ने पेनल्टी नोटिस भी जारी किया है. उन्होंने हाईकोर्ट में इसी नोटिस को चुनौती दी है. वहीं याचिका में संशोधन की अनुमति भी मांगी.
इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिका में संशोधन की अनुमति दे दी है. साथ ही आयकर विभाग को 17 मार्च की अगली सुनवाई तक पेनल्टी नोटिस पर कोई कार्रवाई करने से रोक दिया है.
अनिल अंबानी की दलील है कि सरकार ने कालाधन कानून साल 2015 में लागू किया. जबकि जिस कथित लेनदेन को लेकर ये वाद दायर किया गया है, वह आकलन वर्ष 2006-07 और 2010-11 का है.
पहले भी दी है अनिल अंबानी को राहत
इससे पहले भी बांबे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी को बड़ी राहत पहुंचाई थी. 26 सितंबर 2022 को अंतरिम राहत देते हुए हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी के खिलाफ जारी कारण- बताओ नोटिस पर किसी तरह की कार्रवाई करने से रोक लगा दी थी.
अंबानी ने जानबूझकर की कर चोरी
आयकर विभाग ने अपने नोटिस में कहा है कि अनिल अंबानी कालाधन कानून की धारा-50 और 51 के तहत मुकदमा चलाए जाने के जिम्मेवार हैं. इस धारा के तहत अधिकतम 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. आयकर विभाग का कहना है कि अनिल अंबानी ने ‘जानबूझकर’ कर चोरी को अंजाम दिया. उन्होंने अपनी विदेशी बैंक खाते की जानकारी साझा करने की मंशा ही नहीं रखी.