टोपी पहनी है और दाढ़ी खींची जाती है, तब भी FIR नहीं होती… हेट स्पीच SC की बड़ी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा, क्या आप स्वीकार नहीं करेंगे कि ये हेट क्राइम है और आप इसे कारपेट के नीचे दबा देंगे? हम कुछ भी प्रतिकूल नहीं कह रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एक घटना की डेढ़ साल बाद एफआईआर दर्ज करने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से नाराजगी जताई है. साथ ही कोर्ट ने सरकार से प्रश्न किया है कि जब घटना जुलाई 2021 की है तो एफआईआर जनवरी 2023 में क्यों हुई? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से दो हफ्ते में हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने इस मामले एफआईआर का ब्योरा और आरोपियों की जानकारी मांगी है. कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा है कि आरोपियों को कब बेल दी गई.
इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा, क्या आप स्वीकार नहीं करेंगे कि ये हेट क्राइम है और आप इसे कारपेट के नीचे दबा देंगे? हम कुछ भी प्रतिकूल नहीं कह रहे हैं. हम सिर्फ अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं. अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा- आप एक उदाहरण पेश करें कि ऐसे अधिकारी कर्तव्य से विमुख नहीं हो सकते.तभी हम विकसित देशों के बराबर आ सकते हैं.
UP सरकार ने दिया ये जवाब
जो कोई पुलिस स्टेशन आ रहा है, उसे आरोपी जैसा महसूस नहीं कराया जाना चाहिए. मामले में सफाई देते हुए यूपी सरकार की ओर से ASG के एम नटराज ने कहा कि पुलिस की ओर से कुछ खामियां रही हैं जिस पर कार्रवाई की जा रही है.
घृणास्पद भाषण की घटना लगातार बढ़ रही है- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा जब घृणास्पद अपराधों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाती तब ऐसा वातावरण तैयार हो जाता है जो एक बहुत ही खतरनाक मुद्दा है घृणास्पद भाषण पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा राज्य के हर अधिकारी द्वारा कानून का सम्मान करना या चहिये, अन्यथा हर कोई कानून अपने हाथ में ले लेगा, समाधान केवल तब हो सकते हैं जब आप समस्या को पहचानते है.
देश में घृणास्पद भाषण की घटना लगातार बढ़ रही है, अगर कोई व्यक्ति आता है और कहता है कि मैं टोपी पहनी है और मेरी दाढ़ी खींची जाती है और तब भी कोई शिकायत दर्ज नहीं होती है, तो यह एक समस्या है.
मुस्लिम होने की वजह से शख्स को किया प्रताड़ित
बता दें कि 62 साल के व्यक्ति ने अदालत में दाखिल अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि 4 जुलाई 2021 को वह नोएडा के सेक्टर 37 में अलीगढ़ जाने वाली बस का इंतजार कर रहे थे. तभी कुछ लोगों ने उन्हें लिफ्ट देने की पेशकश की. उनके दावों के अनुसार ग्रुप के लोगों ने उनकी मुस्लिम पहचान के कारण उनसे अभद्रता की और प्रताड़ित किया.