पाकिस्तान देख लो भारत की ताकत, रिश्ते अच्छे रखते तो न होते आज रोटी को मोहताज
भारत ने अफगानिस्तान और बांग्लादेश सहित एक दर्जन देशों को 18 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. खास बात यह है कि भारत ने 33 हजार टन गेहूं तो अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में दिया है.
भारत से व्यापारिक रिश्ते तोड़ने के बाद पाकिस्तान कंगाल हो गया है. आज वहां पर लोग दाने- दाने को मोहताज हो गए हैं. लोगों को खाने के लिए आटा तक नहीं मिल रहा है. देश में गेहूं का स्टॉक ही खत्म हो गया है. ऐसे में पाकिस्तान को अपने देश के नागरिकों का पेट भरने के लिए विदेशों से गेहूं खरीदना पड़ रहा है, जोकि काफी महंगा है. वहीं, पाकिस्तान आते- आते गेहू का रेट काफी बढ़ जा रहा है. यही वजह है कि पाकिस्तान में महंगाई अनियंत्रित हो गई है. लोगों को आटे की एक बोरी के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. अभी तक आटा खरीदने के दौरान भीड़ में कुचलकर कई लोगों की मौत भी हो गई है.
पाकिस्तान में महंगाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहां पर एक किलो आटे की कीमत 160 रुपये हो गई है. जबकि, भारत में एक किलो आटा का रेटा 35 रुपये है. हालांकि, रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते पूरी दुनिया में गेहूं की मांग बढ़ने से कीमत में इजाफा हुआ है, लेकिन पाकिस्तान में तो आटे की कीमत आसमान छू रही है. खास बात यह है कि पाकिस्तान में आटे के अलावा चावल, चीनी, प्याज, आलू और टमाटर सहित सभी खाने- पीने की कई चीजें महंगी हो गई हैं.
33 हजार टन गेहूं अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में दिया है
वहीं, जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान का ये हाल उसकी अकड़ के चलते हो गई है. यदि जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वह भारत से व्यापारिक रिश्ते नहीं तोड़ता तो आज उसकी ऐसी हालत नहीं होती. रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते उपजे ग्लोबल गेहूं क्राइसिस के बाद भारत ने कई मित्र देशों को प्रतिबंध के बाद भी गेहूं का निर्यात किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अफगानिस्तान और बांग्लादेश सहित एक दर्जन देशों को 18 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. अगर पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते अच्छे होते तो भारत ऐसी स्थिति में पाकिस्तान को भी कम कीमत पर गेहूं निर्यात करता. खास बात यह है कि भारत ने 33 हजार टन गेहूं तो अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में दिया है.
आयातित चीजें पाकिस्तान में इतनी महंगी नहीं होती
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार की हालत काफी खराब हो गई है. उसके पास कुछ हफ्ते के आयात के लिए पैसे बचे हैं. ऐसे में उसे आटा और गेहूं जैसी चीजों की खरीद पर अपने खजाने को लुटाना पड़ रहा है. क्योंकि, पाकिस्तान आटा, घी, चीनी जैसी जरूरत की चीजें मोटी रकम खर्च कर रूस, ब्राजील, मिश्र और सिंगापुर सहित अन्य देशों से मंगवा रहा है. यदि वह भारत से रिश्ता अच्छा रखता तो आयात पर होने वाले खर्च से वह बच जाता. चूंकि भारत पाकिस्तान का पड़ोसी है और दोनों का एक ही बॉर्डर है. ऐसे में उसे ट्रांसपोर्टेशन और शिपमेंट पर कम खर्च करने पड़ते. तब आयातित चीजें पाकिस्तान में इतनी महंगी नहीं होती.
वित्त वर्ष 2022 में 22 लाख टन से ज्यादा का गेहूं आयात किया गया
कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने आटे की कमी को पूरा करने के लिए कुल 75 लाख टन गेहूं आयात किया. उसने रूस से सबसे अधिक गेहूं खरीदा है. पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 में पाकिस्तान में 31 लाख टन से अधिक गेहूं का आयात किया गया. इसके लिए उसने 98.3 करोड़ डॉलर खर्च करने पड़े. इसी तरह वित्त वर्ष 2022 में 22 लाख टन से ज्यादा का गेहूं आयात किया गया. वहीं, वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में पाकिस्तान 856,813 टन अनाज आयात कर रहा है. यदि वह भारत के साथ रिश्ते अच्छा रखता तो सड़क मार्ग से ही सस्ते दर पर पाकिस्तन में गेहूं पहुंच जाता.