5 लाख में लड़का, 3 लाख में लड़की… पुलिस ने नवजात बच्चा बेचने के गैंग को किया गिरफ्तार

5 लाख में लड़का, 3 लाख में लड़की… पुलिस ने नवजात बच्चा बेचने के गैंग को किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के लखनऊ के थाना मड़ियांव पुलिस ने नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाला गैंग को गिरफ्तार किया है. इस मामले में 3 पुरुष और 3 महिलाओं पर पुलिस ने एक्शन लिया है. 5 लाख में लड़का,3 लाख में लड़की को यह गैंग बेचता था. गैंग के पास से एक नवजात बच्ची को भी बरामद किया गया है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मड़ियांव पुलिस और क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने मासूम बच्चों की तस्करी करने वाले गैंग को पकड़ लिया है. यह गैंग नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त करता था. इस गिरोह में तीन महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जिस वक्त पुलिस ने गैंग को गिरफ्तार किया उस समय उन के पास से 1 नवजात बच्चा भी बरामद किया गया है.

जानकारी के मुताबिक, यह गैंग 5 लाख रुपये में नवजात लड़का और तीन लाख में लड़की को बेचा करता था. इस शातिर गैंग का जाल कई जिलों में फैला हुआ है. लखनऊ के मड़ियाव क्षेत्र में नर्सिंग होम में बच्चे बेचने का धंधा चल रहा था.

3 महिलाएं भी गिरफ्तार

इस मामले में तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है. यह तीनों महिलाएं क्लीनिक चलाती थीं. सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. आरोपियों का नेटवर्क काफी बड़ा है और दिल्ली समेत आसपास के कई जिलों में फैला हुआ है. मड़ियांव थाने के दरोगा भूपेंद्र सिंह ने संतोष कुमारी और बाकी अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस सभी के आपराधिक इतिहास को भी खंगाल रही है. साथ ही पता लगाया जा रहा है कि अब तक इस गैंग ने कितने बच्चों की खरीद फरोख्त की है.

कैसे की गई नवजात की तस्करी

जिले के एसीपी अलीगंज बृज नारायण सिंह ने कहा, गैंग का सरगना विनोद सिंह है, विनोद ने कहा कि वो पारा स्थित अजंता आईवीएफ सेंटर में मैनपावर सप्लाई का काम करता था. वहीं, डॉ. अल्ताफ के अजीज नगर मड़ियांव स्थित सुपर अलायंस नर्सिंग होम में बैठा करता था. आरोपी ने बताया कि वह टेक्नीशियन है और डायलिसिस का काम भी करता है. इसके अलावा आरोपी कुसुम देवी आईआईएम रोड स्थित एसएम हॉस्पिटल में और आरोपी संतोष कुमारी इंदिरानगर स्थित इंदिरा आईवीएफ सेंटर में मरीजों की देखरेख करती थीं.

पुलिस को जो नवजात बरामद हुआ है उसको लेकर आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि अस्पताल में कंपाउंडर का काम करने वाले नीरज कुमार गौतम ने नवजात को डॉ. अल्ताफ को दिया था. इसी के बाद अल्ताफ ने सरगना विनोद को बच्चा बेचने के लिए दिया. विनोद ने अस्पताल में काम करने वाली आरोपी महिलाओं को बच्चा बिकवाने की जिम्मेदारी दी.

इसके बाद विकासनगर निवासी कपल से दो लाख रुपये में नवजात बच्ची का सौदा हो गया. बच्ची ढाई महीने की है. जानकारी के मुताबिक, बच्ची को सीतापुर की एक युवती ने जन्म दिया था. लोक-लाज के डर से उसने बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया था, जिसे आरोपियों ने अपने पास रख लिया और बाद में उसे बेच डाला. पुलिस ने फिलहाल बच्ची को बरामद कर लिया है और इस गैंग के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है.