उज्जैन में छेड़छाड़ हो या अश्लील फब्तियां, बिना थाने जाए बेटी की पेटी पहुंचाएगी शिकायत
एसडीओपी पुष्पा प्रजापति ने बताया कि बेटी की पेटी का मुख्य उद्देश्य बालिकाएं एवं महिलाएं अपने से संबंधित समस्याओं, दुर्व्यवहार को स्वजन को बताने में संकोच करती हैं. इस पेटी के जरिए वह बिना डरे और संकोच के अपनी समस्याओं को बता सकेगी.
उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में महिला अपराधों से निपटने के लिए इन दिनों उज्जैन पुलिस ने बेटी की पेटी अभियान की शुरूआत की है, जिसके तहत स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, कोचिंग कॉम्प्लेक्स, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मंदिर और सार्वजनिक चौराहों पर एक पेटी लगाई जाएगी. जिसमें छात्राएं, युवतियां और महिलाएं अपनी ऐसी शिकायतें लिखकर बेटी की पेटी मे डाल सकती है. जिन्हें अब तक किसी को बताने या थाने पहुंचकर ऐसी शिकायतें करने से महिलाएं और युवतियां बचती थी. इन शिकायतों के आधार पर पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई करेगी.
दरअसल, उज्जैन जिले के खाचरोद थाना पुलिस ने एक नया प्रयोग करते हुए शहर के गर्ल्स कॉलेज, स्कूल, और कोचिंग के बाहर एक शिकायत पेटी लगाने की शुरूआत कर दी है. इस पेटी में छात्राएं और महिलाएं गोपनीय शिकायत कर सकेंगी, जिसे प्राचार्य पेटी खोलकर इन समस्याओं से पुलिस को अवगत कराएगी. जिसके बाद पुलिस तत्काल एक्शन लेगी.
पेटी के जरिए लड़कियां बता सकेंगी अपनी समस्याएं- SDOP
बता दें कि, इस पेटी को बेटी की पेटी का नाम दिया गया है. एसडीओपी पुष्पा प्रजापति ने बताया कि बेटी की पेटी का मुख्य उद्देश्य बालिकाएं एवं महिलाएं अपने से संबंधित समस्याओं, दुर्व्यवहार को स्वजन को बताने में संकोच करती हैं. इस पेटी के जरिए वह बिना डरे और संकोच के अपनी समस्याओं को बता सकेगी. इन्हें पूरी संवेदनशीलता एवं सहानुभूति के साथ निपटारा कर कार्रवाई की जाएगी. इससे छात्राएं बगैर किसी दबाव में स्वतंत्र एवं भयमुक्त होकर पढ़ाई और काम कर सकेंगी.
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महिला हेल्प डेस्क का मोबाइल नंबर किया जाएगा जारी
वहीं, बेटी की पेटी हर एक महीनें के बाद खोली जाएगी. इसके बाद स्कूल के प्राचार्य द्वारा संबंधित थाने में इसकी जानकारी दी जाएगी. जिसके बाद शिकायत का निपटारा किया जाएगा. इसके अलावा समस्या के तत्काल समाधान के लिए सीनियर अधिकारी, महिला अधिकारी और महिला हेल्प डेस्क के मोबाइल नंबर भी चस्पा किए गए हैं. इन पर फोन कर छात्राएं व महिलाएं अपनी समस्या बता सकती हैं.
थाना लेवल पर लिया जाएगा एक्शन
जानकारी के अनुसार, पेटियों में छात्राएं, युवतियां, महिलाएं अपने साथ होने वाली घटनाओं की लिखित में शिकायत कर सकती हैं. उस इलाके के थाने की महिला पुलिस अधिकारी बेटी की पेटी को खोलेंगी और उनकी शिकायतों को जमा करेंगी. इन शिकायतों की छंटनी की जाएगी और छंटनी के आधार पर शिकायतों के खिलाफ कार्रवाई थाना लेवल पर की जाएगी.
बढ़ते महिला अपराधों पर लगेगी लगाम
इस दौरान अगर, उज्जैन संभाग में महिला अपराधों पर नजर डालें तो, जनवरी से दिसंबर तक में छेड़छाड़ की घटनाएं, रेप के हजारो मामले दर्ज हुए हैं. इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि उज्जैन में महिला अपराध किस कदर बढ़ रहे हैं. हालांकि, अब पुलिस को उम्मीद है कि ‘बेटी की पेटी’ के सहारे बढ़ते महिला अपराधों पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकेगी.
शिकायत दर्ज करने से हिचकिचाती है लड़कियां और महिलाएं
इस मामले में खाचरोद थाना पुलिस का कहना है कि पुलिस की प्राथमिकता में महिलाओं की सुरक्षा सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा कि, पुलिस ने एमपीपी-कॉप ऐप भी बनाया था एवं निर्भया मोबाइल यूनिट भी बना. लेकिन यह देखा गया कि कुछ महिलाएं सही तरह से शिकायत नहीं कर पा रही हैं. ऐसे में कुछ लड़कियां मोबाइल फोन से भी शिकायत करने में हिचकिचाती हैं.
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