Mahashivratri 2023: शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का क्या है सही नियम, भूलकर भी न करें ये गलती
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को महादेव की अराधना के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है. इस दिन शिवलिंग की पूजा करते समय बेलपत्र चढ़ाना बहुत आवश्यक होता है. लेकिन, अगर सही तरीके से बेलपत्र नहीं चढ़ाए गए तो पूजा अधूरी मानी जाती है. आइए जानते हैं शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने का सही तरीका.
महादेव की अराधना के लिए महाशिवरात्रि का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और भक्ति से भोलेनाथ की अराधना करती है उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस वर्ष यह तिथि 18 फरवरी, 2023 शनिवार को पड़ रही है. इस विशेष दिन भगवान शिव की अराधना करने लिए लोग शिवलिंग पर फल, फूल, बेलपत्र आदि अर्पित करते हैं. इसमें से पूजा के दौरान अर्पित किए जाने वाले बेलपत्र का बहुत धार्मिक महत्व है. ऐसे में बेलपत्र अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका तरीका सही हो, वरना आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है. आइए जानते हैं बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका.
- शिवलिंग पर चढ़ने वाले बेलपत्र को हमेशा उलटा करके अर्पित किया जाना चाहिए. यानी की जिस तरफ बेलपत्र की चिकनी सतह हो उस भाग को शिवलिंग पर चढ़ाएं. इस बाता का हमेशा ध्यान रखें कि बेलपत्र को अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से अर्पित करें.
- पेड़ से बेलपत्र तोड़ते समय भी कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए. ध्यान रखें कि कभी भी बेलपत्र के पेड़ की पूरी टहनी एक साथ न तोड़े. बल्कि एक-एक करके ही बेलपत्र को तोड़े. इसके अलावा बेलपत्र तोड़ने से पहले और बाद में मन में ही प्रणाम कर लें.
- किसी कारणवश अगर आपके पास ज्यादा बेलपत्र नहीं है तो आप एक ही बेलपत्र को धुलकर दोबारा अर्पित कर सकते हैं. यानी, अगर आपके परिवार के किसी सदस्य ने शिवलिंग पर जो बेलपत्र अर्पित किए हैं आप उन्हें दोबार धुलकर चढ़ा सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र चढ़ाने से पहले जल जरूर चढ़ाएं.
- महाशिवरात्रि की पूजा की तैयारी करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप जो बेलपत्र रखते हैं वो कहीं से कटे-फटे न हों. मान्यता है कि ऐसा करने से आपको अशुभ फल प्राप्त हो सकते हैं.
- यदि संभव हो तो बेलपत्र अर्पित करने से पहले उन्हें धुल लें और चंदन से उस पर राम का नाम या ओम नम: शिवाय लिखें. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)