महाशिवरात्रि 2023: शिव पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये कार्य, शुभ की जगह मिलेंगे अशुभ फल
Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि के दिन साधक अलग-अलग तरह की चीजें भगवान शिव को अर्पित करते हैं. कई ऐसे नियम होते हैं जिन्हें आप जाने-अनजानें कर जाते है. परिणाम स्वरूप आपको अशुभ फल प्राप्त होते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन किन कार्यों को नहीं करनी चाहिए.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की महज विधि-विधान से पूजा करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. हर वर्ष, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के त्योहार के तौर पर मनाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन विशेष तौर पर भगवान शिव की अराधना की जाती है. लाखों श्रद्धालु मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर जल, दूध, फल, फूल, बेलपत्र आदि आर्पित करते हैं. लेकिन, जाने-अनजानें में आपसे कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिनका आपको अनदाजा भी नहीं होता है. लेकिन इसका परिणाम बुरा होता है. ऐसे में आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन भूलकर भी कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.
- शिवलिंग पूजा के बाद इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग की पूजा हमेशा आधी की जाती है. यानी जिस तरफ से शिवलिंग का जल गिरता है उसको लांघा नहीं जाता है.
- भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है. लेकिन, इसे अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र की पत्तियां टूटी-फूटी या कटी फटी ना हों. इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि बेलपत्र में तीन पत्तियां ही हों. जिस तरफ बेलपत्र की पत्तिययों का चिकना हिस्सा होता है, उसे तरफ का करके बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने चाहिए.
- शिव पूजा के दौरान आपने जो पूजा की थाली सजाई हो उसमें चावल अवश्य रखें. लेकिन, इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि वह चावल टूटे न हों. ये बहुत अशुभ माना जाता है.
- महाशिवरात्रि के दिन सिर्फ भोलेनाथ ही नहीं बल्कि माता पार्वती, नंदी जी, भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश की भी पूजा करें. ये सभी शिव परिवार का हिस्सा है जिनकी पूजा से भगवान शिव खास करके प्रसन्न होते हैं.
- महाशिवरात्रि के पूजा में इस बात का ध्यान रखें कि भगवान शिव की पूजा करते समय उन्हें हल्दी, रोली, सिंदूर जैसी चीजें बिल्कुल न अर्पित करें.
- भोलेनाथ की अराधना करते समय उन्हें कमल, कनेर, केतकी आदि फूल न अर्पित करें. ऐसा करने से आपको अशुफ फल प्राप्त होंगे.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)