भागलपुर: “मिठाई खाने के लिए देना होगा पैसा…”, मुखिया ने गांववालों से क्यों मांगी रिश्वत?
भागलपुर जिले के ममलखा ग्राम पंचायत के मुखिया पर गांववालों ने मुआवजा दिलाने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. गांववालों का कहना है कि उनके घर बाढ़ के दौरान गिर गए थे. इसी के मुआवजे के लिए वह मुखिया के पास गए थे, जहां मुखिया ने बीस हजार रुपए की मांग की थी.
बिहार के भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड के तहत आने वाले मसाढू गांव में इस साल गंगा की लहरों ने तबाही मचा दी थी. चार दर्जन से अधिक पक्के मकान गंगा नदी में विलीन हो गए थे. गांव में तब से अब तक सन्नाटा पसरा हुआ है. पीड़ितों की आस बस सरकार से मुआवजा मिलने की और टिकी हुई थी. मगर इस बीच कुछ ऐसा हुआ कि पीड़ितों को प्रखंड कार्यालय में मुखिया के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचना पड़ा. मुखिया पर पीड़ितों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड के ग्राम पंचायत की शिकायत लेकर मसाढू गांव के कई गांववालें सर्किल अधिकारी से मिलने प्रखंड कार्यालय पहुंचे. इस दौरान गांववालों ने ममलखा पंचायत के मुखिया अभिषेक कुमार पर मुआवजे के नाम पर रिश्वत की मांग करने का आरोप लगाया है. साथ ही लोगों ने मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. गांववालों ने सर्किल अधिकारी को बताया कि मुखिया जी कह रहे थे कि सबौर के प्रखंड विकास पदाधिकारी को मिठाई खाने के लिए पेसा देना होगा, तभी कटाव वाला मुआवजा मिलेगा.
45 से ज्यादा घर गंगा में हुए विलीन
बाढ़ के कटाव से 45 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है. मुखिया ने 13 लोगों के आवेदन जमा कर लिए हैं, लेकिन जब बाकी लोग आवेदन करने पहुंचे, तो मुखिया दस से बीस हजार रूपय की डिमांड करने लगे. गांववालों की शिकायत सुनकर सीओ साहब गुस्से में आ गए. उन्होंने कहा कि प्रखंड के अधिकारी के नाम पर कोई भी रिश्वत लेता है, तो आप लोगों से अनुरोध है कि उसका वीडियो या फिर किसी तरह से सबूत को इकट्ठा कर ले. आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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‘नहीं करता कोई पैसे की डिमांड’
आगे सीओ साहब ने कहा कि सबौर प्रखण्ड में कोई भी अधिकारी पैसे की डिमांड नहीं करता है.सबौर के मसाढू में इस साल सितंबर से अक्टूबर महीने तक 45 से ज्यादा घर कटकर गंगा में विलीन हो गए है. गांववालों की शिकायत पर सीओ साहब ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है.