नाराज मोहन सिंह बिष्ट को मिला टिकट, बीजेपी की तीसरी लिस्ट में सिर्फ एक नाम; पूरे दिन चला डैमेज कंट्रोल
बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तीसरी लिस्ट जारी करते हुए करावल नगर विधायक मोहन सिंह बिष्ट को मुस्तफाबाद से मैदान में उतारा है. पांच बार करावल नगर से विधायक रहे बिष्ट टिकट कटने से नाराज थे, क्योंकि पार्टी ने उनकी जगह कपिल मिश्रा को उम्मीदवार बनाया. अब मुस्तफाबाद सीट पर बिष्ट का मुकाबला आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से होगा.
बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने तीसरी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में पार्टी ने सिर्फ एक उम्मीदवार को टिकट दिया है. बीजेपी ने करावल नगर विधायक मोहन सिंह बिष्ट को मुस्तफाबाद से आदिल खान के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है. पांच बार के विधायक रहे मोहन सिंह बिष्ट करावल नगर विधानसभा से टिकट कटने पर नाराज थे. उनका कहना था कि वो कई बार से वहां से जीतते आ रहे हैं, उनका जनाधार है वहां, बावजूद इसके पार्टी ने कपिल मिश्रा को मैदान में उतारा दिया. माना जा रहा है, पार्टी के इस फैसले से बिष्ट नाराज चल रहे थे.
मोहन सिंह बिष्ट करावल नगर से पांच बार विधायक रह चुके हैं और इस सीट पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. लेकिन बीजेपी ने इस बार बिष्ट की जगह कपिल मिश्रा को प्रत्याशी बनाया. कपिल मिश्रा ने 2015 में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर बिष्ट को हराया था और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. इस बार पार्टी ने उन्हें करावल नगर से उम्मीदवार बनाया है. बिष्ट इस फैसले से नाखुश थे और उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी.
साल 2015 में कपिल मिश्रा से हार गए थे बिष्ट
कपिल मिश्रा ने 2015 में करावल नगर सीट पर मोहन सिंह बिष्ट को हराया था और बाद में बीजेपी का हिस्सा बने. 2020 में, सीएए विरोधी प्रदर्शन और दंगों के समय मिश्रा एक प्रभावशाली हिंदूवादी नेता के रूप में उभरे. इस बार आम आदमी पार्टी ने करावल नगर से मनोज त्यागी को और कांग्रेस ने डॉ. पीके मिश्रा को मैदान में उतारा है.
मुस्तफाबाद सीट पर मुकाबला दिलचस्प
मुस्तफाबाद सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. बिष्ट की गिनती एक अनुभवी नेता के रूप में होती है और उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवारों से होगा. राजनीतिक चाणक्यों का मानना है कि बिष्ट के अनुभव और उनकी कार्यशैली का फायदा बीजेपी को मिल सकता है.
बीजेपी ने अपनी दूसरी लिस्ट के बाद नेताओं की नाराजगी को संतुलित करने की कोशिश की है. बिष्ट का टिकट कटना उनके समर्थकों के बीच असंतोष पैदा कर सकता था, लेकिन मुस्तफाबाद से उन्हें चुनाव लड़ने का मौका देकर पार्टी ने इस असंतोष को दूर कर दिया है. अब देखना दिल्चस्प होगा कि चुनावी रण में बिष्ट मुस्तफाबाद में क्या प्रदर्शन करते हैं.