तलोजा टू बदलापुर, 28KM की दूरी और धांय-धांय… बीच रास्ते कैसे शूट हुआ अक्षय शिंदे? एनकाउंटर की पूरी कहानी
महाराष्ट्र के बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे की सोमवार को पुलिस एनकाउंटर में गोली लगने से मौत हो गई. कहा जा रहा है कि उसने पुलिस की रिवॉल्वर छीनी और बगल में बैठे इंस्पेक्टर पर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से वह घायल हो गया. आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
एक बार फिर से बदलापुर रेप केस सुर्खियों में है. इस बार न तो लोग सड़कों पर उतरे हैं और न ही कोई प्रदर्शन हुआ है, बल्कि केस के आरोपी अक्षय शिंदे को महाराष्ट्र पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. इस एनकाउंटर में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ है, जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है. वहीं इस एनकाउंटर को लेकर तरह-तरह के सवाल भी उठने लगे हैं. विपक्ष ने एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग की है. वहीं अक्षय शिंदे के माता-पिता ने कहा कि उनका बेटा पटाखा नहीं फोड़ सकता तो बंदूक कैसे चला सकता है? आइए जानते हैं आखिर कैसे अक्षय शिंदे पुलिस की गोली का शिकार हुआ?
चूंकि ठाणे के बदलापुर में 3 और 4 साल की दो स्कूली बच्चियों से रेप के मामले में पुलिस ने करीब एक महीने पहले अक्षय शिंदे को गिरफ्तार किया था. इस मामले की जांच महाराष्ट्र SIT कर रही है तो कुछ दिन तक वह SIT की रिमांड पर भी रहा था. रिमांड खत्म होने के बाद SIT ने उसे नवी मुंबई की तलोजा जेल में शिफ्ट कर दिया था. यहीं से SIT अक्षय को जांच के सिलसिले में अपने लाया और ले जाया करती थी.
तलोजा जेल में बंद था आरोपी अक्षय शिंदे
सोमवार को दोपहर के समय बदलापुर पुलिस उसे एक अन्य मामले में गिरफ्तार करने के लिए तलोजा जेल आई थी. जेल से अक्षय को कब्जे में लेकर बदलापुर के लिए रवाना हो गई थी. पुलिस के अनुसार, इसी बीच रास्ते में अक्षय शिंदे ने पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे जो बगल में बैठे थे, उनकी रिवॉल्वर छीनकर उनके ऊपर फायरिंग की. अक्षय ने पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे पर करीब तीन राउंड फायरिंग की, जिससे वह घायल हो गए. इस दौरान उनके बगल में बैठे दूसरे अधिकारी ने अपनी रिवॉल्वर निकाली और डिफेंस में अक्षय पर गोली चलाई.
पुलिस इंस्पेक्टर का अस्पताल में चल रहा इलाज
इस दौरान गोली लगने से अक्षय भी गंभीर रूप से घायल हो गया. आनन-फानन में पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे और अक्षय शिंदे को कलवा शिवाजी अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान अक्षय शिंदे की मौत हो गई. ठाणे पुलिस कमिश्नर आशुतोष डुंबरे द्वारा खुद इसकी पुष्टि की गई. वहीं पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे का अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनकी भी हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं घटना के बाद मौके पर ठाणे पुलिस कमिश्नर आशुतोष डुंबरे और अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पहुंचे और जांच-पड़ताल की.
क्या सुसाइड करना चाह रहा था अक्षय शिंदे?
शुरुआत में ये बात सामने आई थी कि अक्षय शिंदे सुसाइड करना चाहता था और उसने इसीलिए पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे की रिवॉल्वर छीनी. हालांकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्राथमिक जांच में ये बात सामने आई कि अक्षय शिंदे सुसाइड नहीं करना चाह रहा था. वह पुलिस हिरासत से भागने की फिराक में था. इसीलिए उसने तीन राउंड पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे पर फायरिंग की, जिससे वह घायल हो गए. वहीं जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई और एनकाउंटर में अक्षय शिंदे मारा गया.
‘हमें भी मार डालिए’… बोले अक्षय शिंदे के माता-पिता
वहीं अक्षय के एनकाउंटर के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. कलवा शिवाजी अस्पताल ही अक्षय की डेडबॉडी रखी गई है. उसके परिजनों को भी इसकी सूचना दे दी गई है. एनकाउंटर की जानकारी मिलते ही अक्षय शिंदे के माता-पिता ने फूट-फूटकर रोने लगे. मां ने तो सीधे तौर पर पुलिस पर आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा ऐसा नहीं कर सकता. मेरे बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. मेरा बेटा पटाखा नहीं फोड़ सकता तो बंदूक कैसे चला सकता है? अब हमें भी मार डालो. हम रोज काम करने वाले लोग हैं. हम अब जीवित नहीं रहेंगे. हम भी अपने बेटे के साथ जाएंगे.
न्यायिक जांच होनी चाहिए
इस बीच राज्य में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि, “क्या अक्षय शिंदे का एनकाउंटर सबूत मिटाने की कोशिश है? अक्षय शिंदे ने वास्तव में कैसे गोली चलाई? जब आरोपी अक्षय पुलिस हिरासत में था तो क्या उसके हाथ बंधे नहीं थे? उसे बंदूक कैसे मिली? पुलिस इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है?”
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि बदलापुर मामले में एक तरफ संस्थान के निदेशकों के BJP से जुड़े होने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो वहीं दूसरी तरफ आज आरोपी अक्षय शिंदे को गोली मार दी गई. यह बेहद चौंकाने वाला और संदेहास्पद है. हमें शुरू से ही बदलापुर मामले में पुलिस की भूमिका पर यकीन नहीं है. विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि हमारी मांग है कि अब इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए.