मां की हत्या और उसके अंगों को भूनने वाले को HC से राहत, बेटी की शादी में हो सकेगा शामिल

मां की हत्या और उसके अंगों को भूनने वाले को HC से राहत, बेटी की शादी में हो सकेगा शामिल

बॉम्बे हाई कोर्ट ने नशे की हालत में मां की हत्या करने वाले शख्स को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की 3 दिनों की इजाजत दी है. साथ ही कोर्ट ने कोल्हापुर जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह दोषी को 3 दिन के लिए 23 फरवरी से 25 फरवरी तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक उसके घर ले जाया जाए.

महाराष्ट्र के बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपनी मां की हत्या करने के दोषी व्यक्ति को उसकी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए 3 दिन तक घर जाने की अनुमति सोमवार को दे दी है.दरअसल, नशे में दोषी ने अपनी मां की हत्या की और उसके बाद उसे खाने की कोशिश की. इस अपराध के लिए आरोपी शख्स को फांसी का सजा सुनाई गई है.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में, कोल्हापुर के शख्स सुनील राम कुचकोरवी को हत्या के अपराध के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. जस्टिस ने यह भी टिप्पणी की थी कि यह मामला दुर्लभ था. चूंकि, इसने समाज की सामाजिक अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया था.

वहीं, सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस ए एस गडकरी और जस्टिस पी डी नाइक की खंडपीठ ने कोल्हापुर जेल के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कि वह दोषी को तीन दिन 23 फरवरी से 25 फरवरी तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक उसके घर ले जाया जाए. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि फांसी की सजा काटने के मामलों में दोषी को अस्थायी जमानत या पैरोल नहीं मिलती है.

दोषी ने नशे की हालत में घटना को दिया था अंजाम

दरअसल, कोल्हापुर जेल में फांसी की सजा काट रहे दोषी सुनील राम कुचकोरवी की ओर से जमानत याचिका की पैरवी करने वाले वकील युग मोहित चौधरी ने बताया कि उसने अपनी मां की हत्या करने का मकसद अभी भी अज्ञात है. चूंकि,उस दौरान उसने यह वारदात नशे की हालत में अंजाम दी थी.

वकील ने कहा कि हम नहीं जानते कि सुनील राम का क्या मकसद था. यहां तक ​​कि उनका परिवार भी सदमे में है. वकील का कहना है कि वे बहुत ही बढ़िया वकील थे. जिसे परिवार वाले भी कहते थे. चूंकि, उसे अक्सर सिरदर्द रहता था, इसलिए वह शराब का सेवन करता था.

3 दिन के लिए मिलेगी जेल से बाहर ले जाने की अनुमति -HC

इस दौरान वकील युग मोहित चौधरी ने कहा कि शादी में शामिल होने के लिए एक हफ्ते की अस्थायी जमानत दी जा सकती है. हालांकि, जस्टिस एएस गडकरी और पीडी नाइक की बेंच ने कहा कि वे अस्थायी जमानत देने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन वे आरोपी को पुलिस की सुरक्षा के साथ शादी में शामिल होने की अनुमति देंगे. चौधरी ने कहा कि दोषी एस्कॉर्ट शुल्क का खर्च नहीं, उठा सकता है.

चूंकि,वो बहुत ही गरीब है. इसलिए खंडपीठ इसको लेकर सहमत होगई.पीठ ने कहा, ‘हम उन्हें केवल 3 दिन के लिए जेल से बाहर ले जाने की अनुमति दे रहे हैं. चूंकि,दोषी की बेटी की शादी है. साथ ही कोर्ट ने आरोपी को 23-25 ​​फरवरी तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक बाहर ले जाने और शाम 6 बजे तक वापस जेल लाने का आदेश दिया है.