NCLAT ने Reliance Capital को लेकर दिया बड़ा आदेश, नीलामी से जुड़ा है मामला
टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष इसे चुनौती दी. एनसीएलटी ने दो फरवरी को कहा कि वित्तीय बोली के लिए चुनौती व्यवस्था या तंत्र 21 दिसंबर, 2022 को पूरा हो गया है.
NCLAT ने रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के रिजॉल्यूशन के मामले में लेंडर्स की नीलामी की एक और राउंड की याचिका को स्वीकार कर लिया है. कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है. एनसीएलएटी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि ऋणदाताओं की समिति (COC) के पास ऊंची बोली के प्रयास करने का अधिकार है. अपीलीय न्यायाधिकरण ने सीओसी को चुनौती तंत्र को जारी रखने और दो सप्ताह बाद बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति दी है.
टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने लगाई थी सबसे बड़ी बोली
एनसीएलएटी ने यह आदेश विस्ट्रा आईटीसीएल (इंडिया) लि. की याचिका पर दिया है. विस्ट्रा अनिल अंबानी प्रवर्तित कंपनी के लेंडर्स में से है. याचिका में एनसीएलटी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें दिवालिया कंपनी के लिए और नीलामी पर रोक लगाई गई थी. रिलायंस कैपिटल के मामले में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी. हालांकि, कंपनी की लेंडर्स की समिति ने दूसरा चुनौती तंत्र चलाने का फैसला किया. उसके बाद हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लि. (आईआईएचएल) ने संशोधित बोली जमा कराई.
40 हजार करोड़ रुपये का है कर्ज
टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष इसे चुनौती दी. एनसीएलटी ने दो फरवरी को कहा कि वित्तीय बोली के लिए चुनौती व्यवस्था या तंत्र 21 दिसंबर, 2022 को पूरा हो गया है. इसके बाद टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 9 जनवरी को नई याचिका दायर कर न्यायाधिकरण से ऋणदाताओं की नए सिरे से नीलामी की योजना पर रोक लगाने की अपील की. बाद में आईआईएचएल ने भी एक याचिका दायर कर एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी. आईआईएचएल ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की. समाधान प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.