खरीदने जा रहे नई कार तो होगी तगड़ी बचत, बिना डिस्काउंट के भी ऐसे बचाएं ढेर सारा पैसा
New Car Buying Tips: कार प्रोडक्शन में कमी और लंबी वेटिंग लिस्ट की वजह से कार कंपनियां डिस्काउंट देने में झिझक दिखा रही हैं. नए कार खरीदार चाहें तो बिना डिस्काउंट के भी काफी पैसा बचा सकते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी ही तरीकों के बारे में बता रहे हैं.
Save Money on New Car: हर किसी का सपना होता है वो एक कार जरूर खरीदे. लोग चाहते हैं कि उनके पास कार होनी चाहिए ताकि फैमली के साथ आसानी से कहीं भी आना-जाना कर सकें. लेकिन इंडिया में कारों की जितनी डिमांड है उतना प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है. डीलर्स के पास अब बिना बिकी कारों का स्टॉक नहीं है और नई लॉन्च कारों के अलावा पॉपुलर कारों का लंबा वेटिंग पीरियड है. इसकी वजह से डीलरशिप पर डिस्काउंट मिलना काफी कम हो गया है. लेकिन बिना डिस्काउंट के भी आप अच्छी बचत कर सकते हैं.
इंडिया में डिमांड के मुकाबले कारोे की सप्लाई कम है. इसलिए कारों पर डिस्काउंट मिलने में परेशानी हो सकती है. अगर आप सोचते हैं कि बिना किसी डिस्काउंट के नई कार को कम दाम में नहीं खरीदा जा सकता है, तो ऐसा नहीं है. बिना डिस्काउंट के बाद भी आप अच्छी बचत कर सकते हैं. आज हम आपको ऐसे करने की तरीकों के बारे में बताएंगे, जिनसे नई कार खरीदते समय आपका खर्च बचेगा और बढ़िया बचत भी हो जाएगी.
नई कार खरीदने के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि कार की प्राइसलिस्ट में क्या खरीदना जरूरी है और क्या नहीं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस लिस्ट में सिर्फ कुछ ही चीजें ऐसी हैं जो कानूनी तौर पर जरूरी हैं. कार की एक्स-शोरूम कीमत (कार की लागत) के अलावा नए कार खरीदारों को 1 फीसदी टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स यानी TCS (केवल 10 लाख से ज्यादा कीमत की कार पर), रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन चार्ज, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग-अलग होते हैं, और लास्ट में इंश्योरेंस का पेमेंट करना होता है.
नई कार पर ऐसे करें मोटी बचत
- Third Party Insurance: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस काफी सस्ता होता है, क्योंकि इसका प्रीमियम काफी कम होता है. हालांकि, यह केवल आपके द्वारा किए गए एक्सीडेंट में किसी को चोट या नुकसान पहुंचने को कवर करता है. इसमें आप या आपकी कार को हुआ नुकसान कवर नहीं होता है.
- Zero- Dep or Comprehensive Police: जीरो डेप्रिसिएशन कवर अच्छा है, लेकिन यह काफी महंगा होता है. आपको कम से कम कॉम्प्रहेंसिव इंश्योरेंस लेना चाहिए क्योंकि इसमें कार का नुकसान और चोरी होना कवर होता है. वहीं, जीरो डेप्रिसिएशन के मुकाबले इसका प्रीमियम भी कम रहता है.
- Add-ons: इसके बाद डीलर के द्वारा किया गया कोटेशन ऑप्शनल होता है. यानी आप चाहें तो खरीदें या ना खरीदें. कुछ डीलर हैंडलिंग फीस, एसेसरीज, पेंट प्रोटेक्शन ट्रीटमेंट, और छोटे-मोटे पैकेज भी प्राइसलिस्ट में जोड़ देते हैं. डीलर इन्हें इस तरह पेश करते हैं जैसे इन्हें खरीदना जरूरी हो. इनसे कार के फाइनल प्राइस में 4-7 फीसदी का फर्क पड़ता है.
- Extended Warranty: यह भी जान लें कि एक्सटेंडेड वारंटी और प्रीपेड मेंटेनेंस पैकेज भी ऑप्शनल होते हैं. आप चाहें तो डीलर के द्वारा सुझाए गए ऑफर्स में से कुछ चीजें चुन सकते हैं. लेकिन बड़ी बचत करने के लिए आप इनमें से कई चीजें हटा भी सकते हैं.
- No Claim Bonus: ज्यादातर नए कार खरीदार ऐसे होते हैं जिन्हें यह नहीं पता होता कि वे अपनी मौजूदा कार के नो क्लेम बोनस (NCB) को नई कार में ट्रांसफर करा सकते हैं. हां यह सही है, एनसीबी आपके अगले बीमा प्रीमियम पर एक छूट, और जरूरी नहीं कि वह उसी कार पर हो. अगर आपने पिछले साल इंश्योरेंस क्लेम नहीं किया है तो NCB के जरिए नई कार के इंश्योंरेस प्रीमियम पर 20-50 फीसदी की बचत कर सकते हैं.
- Big Saving: अगर कार कंपनियां डिस्काउंट नहीं दे रही हैं और प्राइसलिस्ट ऐसी चीजों से भरी पड़ी है, जिनकी जरूरत नहीं है तो संभल कर डील करनी चाहिए. इस तरह आप कार की फाइनल कीमत पर एक बड़ी राशि बचा सकते हैं.