गजब! पंढरपुर के विट्ठल मंदिर में सजावट में लगे एक टन अंगूर के गुच्छे आधे घंटे में गायब

गजब! पंढरपुर के विट्ठल मंदिर में सजावट में लगे एक टन अंगूर के गुच्छे आधे घंटे में गायब

पंढरपुर में भगवान विट्ठल-रुक्मिणी के मंदिर को आज एक टन अंगूर से सजाया गया था. सुबह छह बजे से श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए आना शुरू किया और कमाल हो गया. आधे घंटे के भीतर सारे अंगूर गायब हो गए.

पंढरपुर: गोर-गरीबों के गॉड विट्ठल-रुक्मिणी के पंढरपुर में स्थित मंदिर में आज (3 मार्च, शुक्रवार) गजब हो गया. अमलका एकादशी के अवसर पर मंदिर को फूलोंं और अंगूरों से सजाया गया. करीब एक टन अंगूर के गुच्छों से विट्ठल-रुक्मिणी के मंदिर के गर्भगृह की सजावट की गई थी. लेकिन सजावट होने के सिर्फ आधे घंटे के भीतर सारे के सारे अंगूर गायब हो गए. सुबह छह बजे सजावट के बाद दर्शन की शुरुआत हुई और आधे घंटे में ही एक टन अंगूरों में से एक भी अंगूर बाकी नहीं रहा, जाने पूरा भंडार कहां गया?

मंदिर समिति का इस मामले में कहना है कि ये अंगूर श्रद्धालु अपने साथ ले गए. लेकिन ये अंगूर वाकई में श्रद्धालु ले गए या कोई और? इस पर चर्चा शुरू है. सवाल यह किया जा रहा है कि जहां श्रद्धालुओं की पहुंच नहीं थी, वहां सजावट में लगे हुए अंगूर कहां गायब हो गए?

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सिर्फ आंधे घंटे में चुपचाप, मंदिर की सजावट में लगे एक टन अंगूर साफ

आमलकी एकादशी के अवसर को ध्यान में रखते हुए पुणे के श्रद्धालु सचिन चव्हाण और बारामती के बालासाहेब शेंडी की ओर से विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में इन अंगूरों के गुच्छों से सजावट की गई थी. इसके लिए करीब एक टन अंगूर इस्तेमाल में लाए गए थे. सुबह छह बजे सजावट पूरी हो गई. मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन शुरू किए. लेकिन इसी दौरान देखते ही देखते आधे घंटे में सारे अंगूर साफ हो गए.

सजावट में लगे ये अंगूर कुछ समय बाद, बंटने वाले थे बन कर प्रसाद

मंदिर समिति की ओर से यही कहा गया कि दर्शन के लिए जो श्रद्धालु आए थे, वही थोड़ा-थोड़ा करके ले गए. लेकिन श्रद्धालुओं ने मंदिर कर्मचारियों पर अंगूर गायब करने का आरोप लगाया है. कई पर्व-त्योहारों में और एकादशी के दिन मंदिर की अलग-अलग तरह से साज-सज्जा की जाती है. उसे दिन भर के लिए कायम रखा जाता है ताकि श्रद्धालु उसे देख सकें, निहार सकें. ये अंगूर बाद में प्रसाद के तौर पर दिए जाने वाले थे, लेकिन सजावट के आधे घंटे बाद ही गायब हो जाने से अब इस पूरे मामले की जांच की मांग की जा रही है.

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