शिंदे सरकार का बड़ा फैसला, पुणे एयरपोर्ट का बदला नाम; अब ‘संत तुकाराम’ के नाम से जाना जाएगा ये हवाई अड्डा
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. शिंदे सरकार ने पुणे एयरपोर्ट का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब पुणे के लोहगाव एयरपोर्ट का नाम बदलकर जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज आंतरराष्ट्रीय विमानतळ पुणे करने का फैसला लिया गया है.
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. शिंदे सरकार ने पुणे एयरपोर्ट का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब पुणे के लोहगाव एयरपोर्ट का नाम बदलकर जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पुणे करने का फैसला लिया गया है. चुनाव आयोग के महाराष्ट्र के दौरे से पहले आज कैबिनेट की बड़ी बैठक थी जिसमें ये अहम फैसला लिया गया है. वारकरी समुदाय को शिंदे सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है.
एयरपोर्ट का नाम बदलने को लेकर बीते कई दिनों से कवायद चल रही थी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एयरपोर्ट का नाम बदलकर वारकरी संप्रदाय के 17वीं शताब्दी के मराठी संत तुकाराम महाराज के नाम पर रखने के प्रस्ताव को आज कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी है. इसके लिए एक शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रस्ताव लाने और मंजूरी के लिए भेजने की भी घोषणा की थी जिसके बाद आज ये फैसला लिया गया है.
लोहगांव एयरपोर्ट था पुराना नाम
पुणे एयरपोर्ट को लोहगांव एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है. जहां वारकरी संप्रदाय में इस निर्णय के बाद से काफी खुशी है तो वहीं राजनीतिक जानकार इसे महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले इस निर्णय को शिंदे सरकार का मास्टर स्ट्रोक और वारकरी वोटबैंक को साधने का एक बेहतरीन कदम बता रहे हैं. वारकरी समुदाय के कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शिरकत कर चुके हैं, ऐसे में समझा जा सकता है की नामकरण की ये राजनीति आने वाले समय में वोट बैंक के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होगी. राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने ये निर्णय लिया था जिसे कैबिनेट को भेजा गया और आज कैबिनेट ने इसे मंजूर कर दिया है.
सांसद मोहोल ने दिया था विचार
हवाई अड्डे का नाम बदलने का विचार पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल ने सुझाया था. उन्होंने कहा कि जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज का जन्म लोहेगांव में हुआ था. जहां पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्थित है. तुकाराम महाराज ने अपना बचपन भी लोहेगांव में बिताया था. तुकाराम महाराज ने अपना बचपन भी लोहेगांव में बिताया था. इसलिए, लोहेगांव और तुकाराम महाराज का एक गहरा संबंध है. अब इस प्रस्ताव को राज्य सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा और केंद्रीय कैबिनेट इस संदर्भ में जल्द ही फैसले लेगी.