अमित शाह से मुलाकात के बाद एक्शन में CM मान, पंजाब को लेकर 72 घंटे में लिए तीन बड़े फैसले

अमित शाह से मुलाकात के बाद एक्शन में CM मान, पंजाब को लेकर 72 घंटे में लिए तीन बड़े फैसले

पंजाब सरकार ने ड्रोन पॉलिसी को भी सख्त करने का फैसला लिया है जिसके बाद अब बड़े ड्रोन खरीदने और उड़ाने से पहले इजजात लेनी होगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ पंजाब की कानून-व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर 2 मार्च को अहम बैठक की थी बाद अगले 72 घंटों में ही पंजाब में तीन बड़े बदलाव देखने को मिले है. सबसे पहले तो जी-20 सम्मिट के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए अमृतसर और पंजाब के अन्य इलाकों में पैरामिलिट्री फोर्सेज की 50 कंपनियां भेजने को केंद्रीय गृह विभाग ने मंजूरी दे दी.

माना जा रहा है कि पंजाब के अजनाला में पुलिस स्टेशन पर हुए हमले की घटना और पाकिस्तान की सीमा से सटे तरनतारन के पुलिस स्टेशन पर हुए आरपीजी अटैक जैसी घटनाओं को देखते हुए जी-20 डेलिगेट्स की सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है. हालांकि पैरामिलिट्री फोर्सेज भेजने का फैसला पंजाब सरकार के निवेदन पर ही लिया गया लेकिन पंजाब पुलिस ने इस पूरे मामले पर कहा कि ये एक सामान्य प्रक्रिया है और 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे मौके पर भी पंजाब में पैरामिलिट्री फोर्सेज भेजी जाती हैं और पंजाब पुलिस जी-20 सम्मिट के दौरान सुरक्षा मुहैया करवाने में पूरी तरह से सक्षम है.

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दूसरा बड़ा फैसला- ड्रोन के इस्तेमाल पर सख्ती

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद तुरंत ही पंजाब के सीएम ने जो दूसरा बड़ा फैसला लिया वो था ड्रोन के द्वारा पाकिस्तान के जरिए हथियारों और नशे की सप्लाई को रोकने के लिए नई और देश की सबसे सख्त ड्रोन पॉलिसी लाने का. गैंगस्टरों और आतंकियों के बढ़ते खतरे के मद्देनजर ड्रोन के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ाई जा रही है. अब पंजाब में बड़े ड्रोन बिना इजाजत खरीदने और उड़ाने पर जेल जाना पड़ सकता है. पंजाब में जल्द ही ड्रोन की खरीद और इस्तेमाल के लिए नई पॉलिसी बनाई जा रही है. नई पॉलिसी के तहत बड़ा ड्रोन खरीदने से पहले जिला प्रशासन से इजाजत लेनी होगी.

ड्रोन खरीदने के बाद वाहनों की तरह उसका भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद जब भी ड्रोन इस्तेमाल करना हो तो डीसी या एडीसी से इजाजत लेनी होगी. नई पॉलिसी की कवायद शुरू हो गई है. सरकार ने इसका मसौदा गृह मंत्रालय को भेजा है. इसका कारण ये है कि ड्रोन से ज्यादा खतरा पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके में है और वो बीएसएफ की निगरानी में है. इसलिए इस संबंध में केंद्र सरकार से आपत्ति और कई तरह की मंजूरियां मांगी गई हैं. मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा.

इस नई नीति में सरहद से सटे 7 जिलों अमृतसर, तरनतारन, पठानकोट, गुरदासपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का और जलालाबाद में ड्रोन उड़ाने से पहले जिला प्रशासन को जानकारी देनी होगी. रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद संबंधित व्यक्ति या संस्थान को लाइसेंस या प्रमाण पत्र दिया जाएगा. जांच के दौरान ड्रोन पकड़ा जाता है तो लाइसेंस दिखाना होगा.

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पंजाब सरकार ने पहले ही बीएसएफ अधिकारियों से बैठक के बाद बॉर्डर से सटे एरिया का नो फ्लाइंग जोन एरिया 5 किमी से बढ़ाकर 12 किमी कर दिया है. एंटी ड्रोन उपकरणों की खरीद के लिए पंजाब पुलिस उच्चाधिकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों से मीटिंग करने जा रहे हैं. हाल ही में सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में हुई पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों की मीटिंग में तय किया गया कि ड्रोन की गतिविधियों को लेकर नए नियम बनाए जाएं. पाकिस्तान बॉर्डर से सटे जिलों में छोटे ड्रोन उड़ाने से पहले जिला प्रशासन से इजाजत लेने का प्रावधान पहले से है पर इसे सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा था. नई पॉलिसी पर मुहर के बाद ड्रोन के इस्तेमाल पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी.

तीसरा बड़ा फैसला

पंजाब सरकार ने तीसरा बड़ा एक्शन लिया पंजाब की जेलों में लाख सख्ती के दावे होने के बावजूद जारी मोबाइल के इस्तेमाल और तरनतारन की गोइंदवाल साहिब सेंट्रल जेल में हुए गैंगवॉर के बाद गैंगस्टरों के द्वारा वायरल किए गए वीडियो के मामले में. इस मामले में ना सिर्फ गैंगस्टरों के खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया बल्कि जेल के अंदर मोबाइल पहुंचाने में मदद करने और अपनी ड्यूटी में लापरवाही करने के आरोप में गोइंदवाल साहिब सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट समेत सात जेल अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड करके उनके खिलाफ एफआईआर की गई और पांच जेल अधिकारियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया.

जेल के अंदर से गैंगस्टरों के द्वारा गैंगवार के ठीक बाद वायरल किए गए वीडियो के मामले में ये कार्यवाही करके पंजाब सरकार ने ये संदेश देने की कोशिश की कि अब जेलों के अंदर मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने पर ना सिर्फ ऐसा करने वाले गैंगस्टरों के खिलाफ कार्यवाही होगी बल्कि जेल के अंदर मोबाइल पहुंचाने में मदद करने और अपनी ड्यूटी में लापरवाही करने वाले जेल अधिकारियों और कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा. पंजाब में इससे पहले भी जेल के अंदर गैंगवार की घटनाएं होना और मोबाइल फोन मिलना आम बात है लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के ठीक बाद सीएम ने ऐसे मामलों पर सख्त कार्यवाही करने की तैयारी कर ली.

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कानून-व्यवस्था में लापरवाही बरतने की बात से पंजाब सरकार का इनकार

हालांकि पंजाब में जारी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हो रहे इन बड़े बदलावों के बावजूद पंजाब सरकार ये मानने को तैयार नहीं है कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर किसी भी तरह की कोताही पंजाब में बरती जा रही है.पंजाब के कैबिनेट मिनिस्टर मीत हेयर ने कहा कि बेवजह ही पंजाब को टारगेट किया जा रहा है और पंजाब की कानून-व्यवस्था अभी भी पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश से बेहतर है. मीत हेयर ने कहा कि पंजाब में पिछले 10 साल के शासन के दौरान कांग्रेस और अकाली-बीजेपी सरकारों ने जो हालात खराब किए हैं उन्हें दुरुस्त करने का आम आदमी पार्टी पूरा प्रयास कर रही है और इसमें वक्त लगेगा.

पठानकोट के विधायक और पंजाब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सबकुछ केंद्र सरकार पर छोड़ देना ठीक नहीं है और राज्य सरकार को अपनी जिम्मेदारी भी सही तरीके से निभानी होगी. लेकिन पिछले कुछ दिनों में पंजाब में जो घटनाएं हुई हैं वो कई सवाल खड़े करती हैं. हालांकि केंद्र सरकार तो अपना दायित्व ठीक से निभाने और पाकिस्तान से सटे राज्य होने के कारण पंजाब की हर संभव मदद करने में लगी है.