अजब बिहार में गजब खेल! 9 करोड़ खर्च कर नदी के बीच में बना रहे शवदाह गृह
पूर्णिया शहर के बीचों बीच सौरा नदी गुजरी है. यहां के कप्तान पुल के निकट वर्षो से आधुनिक शवदाह गृह की मांग लोगों द्वारा की जा रही है. अब यहां शवदाह गृह बनाया जा रहा है, लेकिन लोग इससे खुश नहीं है. क्योंकि इस शवदाह गृह को नदी के बीचों बीच बनाया जा रहा है. नदी की तेज धारा में इसके बह जाने की आशंका है. ऐसा पूर्व में हो भी चुका है.
देश मे जब भी भ्रष्टाचार की बात होती है तो बिहार की चर्चा जरूर होती है. सरकारी बाबूओं की लापरवाही से कई योजना पूर्ण होने से पहले भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं. ऐसी ही एक योजना फिर से चर्चा में है. राज्य के पूर्णिया जिले में नदी के बीच में शवदाह गृह का निर्माण हो रहा है. हैरत की बात यह है कि इससे पहले भी यहां शवदाह गृह बना था. उद्घाटन से पहले ही वह साल 2017 में नदी की तेज धारा में बह गया था. जानकारी होने के बाद भी फिर से उसी स्थान पर शवदाह गृह का निर्माण हो रहा है.
शहर के बीचों बीच कप्तान पुल के सौरा नदी में 8.72 करोड़ की लागत से आधुनिक शवदाह गृह का निर्माण हो रहा है. जिस जगह पर यह निर्माण हो रहा है वह जमीन खाता नंबर 890 खेसरा नंबर 345 पूर्ण रूप से नदी की जमीन है. इस पर शहर के समाजसेवी सोनी सिंह ने आपत्ति जताते हुए पूर्णिया डीएम को ज्ञापन सौंपकर किसी दूसरी जगह पर शवदाह गृह के निर्माण की मांग की है.
उद्घाटन से पहले नदी की धारा में पहले बह चुका है शवदाह गृह
सोनी सिंह का कहना है कि जिस स्थान पर इस आधुनिक शव दाह गृह का निर्माण हो रहा है, उस जगह पर पूर्व में बनाये गए शवदाह गृह नदी में विलीन हो चुका है. साल 2012 में सदर भाजपा विधायक विजय खेमखा के कोष से लोक स्वास्थ्य प्रमंडल विभाग ने करीब 39 लाख की लागत से शवदाह गृह का निर्माण कराया था. मगर नदी में निर्माण कराने से इसका फायदा लोगो को नहीं मिल सका और पानी के तेज बहाव में शवदाह गृह उद्घाटन के पूर्व ही पानी मे बह गया. उस वक्त भी लोगो ने घटिया निर्माण और नदी के बीचों बीच बनाए जाने पर सवाल उठाया था.
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बाढ़ आई तो शवदाह गृह का नदी में हो जाएगा विसर्जन!
समाजसेवी सोनी सिंह ने इस बाबत पूर्णिया जिलाधिकारी कुंदन कुमार को एक ज्ञापन सौंपा है. अन्य किसी जगह पर शवदाह गृह निर्माण की मांग की है. अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता एसएम झा का कहना है कि जिला प्रशासन ने पुरानी गलती से सबक नहीं लेते हुए उसी जगह पर निर्माण कार्य कराना आम लोगों के टैक्स की पैसे की बर्बादी है. उन्होंने निर्माण कार्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि निर्माण कार्य मे नदी के धारा प्रवाह को मोड़ने का प्रयास किया गया है, अगर बाढ़ आई तो फिर यह शवदाह गृह का नदी में विसर्जन हो जाएगा या फिर शहर के तटबंध को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि अगर पिछली बार की तरह बारिश या बाढ़ आई तो शहर में व्यापक तबाही मचेगी.
घटिया निर्माण सामग्री लगाने का आरोप
जिला कांग्रेस के महासचिव गौतम वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पूरे बिहार में इस तरह के निर्माणकार्य में स्टीमेट घोटाला चल रहा है, चाहे वह नल जल योजना हो या इस तरह का निर्माण कार्य का, सभी जगह बड़े पैमाने पर पैसे का बंदरबाट हो रहा है. उनका कहना है कि इस बार जो शवदाह गृह का निर्माण हो रहा है वह भी पैसे बचाने के लिए घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है, क्योंकि इसे भी नदी में विलीन होना है. जिला भाजपा प्रवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने भी इस निर्माण पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि पुरानी गलतियों से भी सबक जिला प्रशासन ने नहीं लिया है. उसी जगह निर्माण कार्य कराना अनुचित है, अविलंब इस कार्य को बंद करना चाहिए. वहीं, इस शवदाह गृह निर्माण पर जनता भी मुखर हो रही है और आंदोलन का मूड बना रही है.
नवंबर तक बनकर हो जाएगा तैयार
इस मामले में बुडको के सहायक अभियंता संजय द्विवेदी ने बताया कि आधुनिक शवदाह गृह में 2 विद्युत और 2 लकड़ी वाला बनाया जा रहा है, जो नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा. बाद में इसे संचालन के लिए नगर निगम को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पानी कटाव को रोकने के लिए तीन तरफ से आरसीसी दिवाल का निर्माण किया गया है, जो पानी से कटाव को रोकेगा. उनका कहना है कि भविष्य में सरकार का निर्देश होगा तो कटाव निरोधक कार्य भी किया जाएगा.
रिपोर्ट-मोहित पंडित/पूर्णिया