Rajkot GameZone Fire: क्या गेमजोन के लिए नहीं मिली थी फायर NOC? राजकोट हादसे पर उठते सवाल

Rajkot GameZone Fire: क्या गेमजोन के लिए नहीं मिली थी फायर NOC? राजकोट हादसे पर उठते सवाल

राजकोट आग हादसे में अबतक 12 बच्चों समेत 28 लोगों की जान जा चुकी है. गेम जोन के मालिक समेत 3 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. इन सबके बीच सवाल उठ रहा है कि क्या गेम जोन के पास फायर NOC थी? क्या गेम जोन के अंदर फायर फाइटिंग सिस्टम लगाए गए थे? इन्हीं सब सवालों के जवाब पुलिस की टीम जुटा रही है.

गुजरात के राजकोट जिले में शनिवार शाम हुए एक हादसे ने सभी को दहला कर रख दिया. TRP गेमजोन में आग लगने से अब तक 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अभी भी अंदर फंसे हुए हैं. फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में जुटी है, लेकिन अभी तक आग पर काबू पाया नहीं जा सका है. आग इतनी भयावह है कि एक किलोमीटर तक धुएं का गुबार देखने को मिल रहा है. इन सब के बीच आग को लेकर कई ऐसे सवाल उठ रहे हैं, जो राजकोट पुलिस, प्रशासन, नगर निगम और फायर ब्रिगेड को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. इन सवालों के जवाब न तो पुलिस-प्रशासन के पास हैं और न ही फायर ब्रिगेड के पास.

इस समय स्कूलों में छुट्टियां चल रही हैं. बच्चे भी इन छुट्टियों को एंजॉय कर रहे हैं, लेकिन राजकोट में यही एंजॉयमेंट शनिवार शाम बच्चों और उनके माता पिता के लिए काल बनकर आया. दरअसल, नाना मावा रोड पर सयाजी होटल के पास TRP गेमजोन बना हुआ है. शाम के समय बच्चे अपने माता-पिता के साथ यहां मस्ती करने आए हुए थे. इसी बीच न जाने से कैसे गेमजोन में भयानक आग लग गई और सभी के सभी उसी में फंस गए. देखते ही देखते आग ने भयावह रूप घारण कर लिया. हालात ये हो गई कि कोई बाहर ही नहीं निकल पाया.

12 बच्चों समेत 28 लोगों की गेमजोन में जलकर मौत

शुरुआती जानकारी के मुताबिक, अब तक 12 बच्चों समेत 28 लोगों की आग से जलकर मौत हो चुकी है. कई अभी भी गेमजोन के अंदर फंसे हुए हैं. मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है. आग इतनी भयावह थी कि शुरुआत में फायर ब्रिगेड की टीम के हाथ-पांव फूल गए. आसमान में एक किलोमीटर तक धुएं का गुबार उठ रहा था. सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी तक घटनास्थल पहुंच गए. आनन-फानन में राजकोट शहर सहित आसपास के जिलों से फायर ब्रिगेड की गाड़ियाों को बुलाया गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया.

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स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर

कैजुअल्टी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर कर दिया गया. 12 से अधिक एंबुलेंस की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं. पूरा का पूरा गेमजोन जलकर खाक हो चुका है, लेकिन अभी भी आग धधक रही है. फायर टीम द्वारा आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने नगर निगम और प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए. आग की घटना के बाद राजकोट पुलिस कमिश्नर ने शहर के सभी गेमजोन को बंद करने का आदेश दे दिया है.

क्या फायर ब्रिगेड से गेमजोन को मिली थी NOC?

बताया जा रहा है कि गेमजोन के अंदर लगे एसी में ब्लास्ट से आग लगी है. हालांकि अभी तक आग लगने के सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है. ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा. इन सबके बीच कई ऐसे सवाल खड़े हो रहे हैं, जो पुलिस, प्रशासन, नगर निगम और फायर ब्रिगेड को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश में कई बार आग लगने की घटनाओं के बाद भी सावधानी क्यों नहीं बरती गई? शहर भर में ऐसे कई गेमजोन चल रहे हैं, क्या उनकी चेकिंग की गई? क्या TRP गेमजोन को फायर ब्रिगेड से NOC मिली थी, गेम जोन के अंदर क्या फायर फाइटिंग सिस्टम लगाए गए थे?

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