6000 लीटर डीजल-पेट्रोल, 99 रुपए में एंट्री! राजकोट गेमजोन हादसे में बड़ा खुलासा

6000 लीटर डीजल-पेट्रोल, 99 रुपए में एंट्री! राजकोट गेमजोन हादसे में बड़ा खुलासा

राजकोट पुलिस ने बताया कि गेम जोन के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया है. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देगी.

गुजरात के राजकोट में अग्निकांड के बाद मौत, दर्द और चित्कार ने सभी को दहला कर रख दिया. TRP गेमजोन की दहकती आग ने अब तक 12 बच्चों समेत 28 लोगों की जान ले ली है. अभी कई लोग अंदर फंसे हुए हैं. कई घंटे से चल रही मशक्कत के बावजूद फायर ब्रिगेड आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पा सकी है. वहीं इस अग्निकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल और गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल इकट्ठा किया गया था. इसके अलावा शनिवार को एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी. इसलिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. बड़ी बात यह है कि गेमिंग जोन से एक्जिट और एंट्री के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था.

एसआईटी का गठन

दरअसल राजकोट के टीआरपी गेम जोन में भीषण आग लगने से 28 लोगों की मौत हो गई है. वहीं इस अग्निकांड पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने दुख जाहिर किया है. फिलहाल पुलिस ने बताया कि गेम जोन के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया है. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.

शवों की पहचान मुश्किल

सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) राधिका भराई ने कहा कि इस अग्निकांड में 28 लोगों की मौत हुई है. शव पूरी तरह से जल गए हैं और उनकी पहचान करना मुश्किल है. शिनाख्त के डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. एसीपी विनायक पटेल ने कहा कि मृतकों में 12 साल से कम उम्र के कम से कम चार बच्चे शामिल हैं. जिले के अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान जारी होने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाना-मावा रोड स्थित गेम जोन में यह हादसा उस समय हुआ जब बच्चों सहित कई लोग खेल रहे थे.

वहीं सरकार ने अग्निकांड की जांच के लिए एडीजीपी, सीआईडी ​​क्राइम सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है. राजकोट डीएम प्रभाव जोशी ने बताया कि गेम जोन में आग लगने की सूचना फायर कंट्रोल रूम को शाम करीब 4:30 बजे मिली थी. आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियां और एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और मलबा हटाया जा रहा है.

गेमजोन को NOC मिली थी या नहीं

आग को लेकर कई ऐसे सवाल उठ रहे हैं, जो राजकोट पुलिस, प्रशासन, नगर निगम और फायर ब्रिगेड को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश में कई बार आग लगने की घटनाओं के बाद भी लापरवाही क्यों बरती गई? शहर भर में ऐसे कई गेमजोन चल रहे हैं, क्या उनकी नियमित चेकिंग की गई? क्या हादसे का शिकार TRP गेमजोन को फायर ब्रिगेड से NOC मिली थी, गेम जोन के अंदर क्या फायर फाइटिंग सिस्टम लगाए गए थे?

प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति ने जताया दुख

वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत अन्य नेताओं ने भी शोक जाहिर किया है. वहीं पीएम मोदी ने बचाव और राहत प्रयासों के बारे में जानकारी लेने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की.

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘राजकोट में आग की घटना से हम सभी अत्यंत दुखी हैं. कुछ समय पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के साथ मेरी टेलीफोन पर बात हुई. उन्होंने मुझे प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया.

मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख मुआवजा

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार लाख रुपए तथा प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की राशि देने की घोषणा की है. आग लगने के बाद राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी और शहर के सभी गेमिंग जोन को बंद करने का आदेश जारी किया गया है.