महाशिवरात्रि 2023: समुद्र के संगम पर बने 22 कुंडों वाले ज्योतिर्लिंग का आखिर क्या है रहस्य?
महाशिवरात्रि 2023: हिंदू आस्था से का वो पावन धाम, जिसे दुनिया का सबसे बड़े गलियारा माना जाता है, जानें उसकी मनमोहने वाली वास्तुकला और पौराणिक इतिहास से जुड़ी रोचक बातें.
महाशिवरात्रि 2023: हिंदू धर्म से जुड़ी आस्था के चार पावन धाम में से एक रामेश्वरम् का बहुत ज्यादा महत्व है. औघड़दानी भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक यह पावन धाम तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. इस पावनधाम को रामनाथ स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. शिव का यह पावन धाम हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी के होने वाले शंख के समान द्वीप पर स्थित है, जहां पर लोग एक पुल के माध्यम से पहुंचते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार रामेश्वरम् शिवलिंग की स्थापना रामायण काल में माता सीता द्वारा बनाए जाने और भगवान राम द्वारा पूजे जाने से हुई थी. आइए महादेव के इस पावन तीर्थ के बारे में विस्तार से जानते हैं, जहां पर दर्शन और पूजन से शिवभक्त की सभी मनोकामनाएं पलक झपकते पूरी हो जाती हैं.
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का धार्मिक महत्व
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है कि रामायण काल में भगवान राम ने लंका विजय की कामना से यहां पर रेत का शिवलिंग बनाकर शिव साधना की थी. मान्यता है कि रावण की हत्या के बाद जब प्रभु श्री राम का ब्रह्म हत्या का श्राप लगा तो उसकी मुक्ति के लिए प्रभु श्री राम ने माता जानकी के साथ एक बार फिर लौटते समय इस शिवलिंग पर विधि-विधान से शिवलिंग का अभिषेक किया था. हिंदू मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति इस शिवलिंग पर विधि-विधान से महादेव की साधना करता है, उसके जीवन से जुड़े सभी दु:ख और दोष दूर हो जाते हैं और शिव की कृपा से उसकी बड़ी से बड़ी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है.
बेहद अनूठी है रामेश्वरम मंदिर की वास्तुकला
श्रीरामनाथस्वामी मंदिर या फिर कहें रामेश्वरम मंदिर द्रविण वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है. 15 एकड़ में फैला हुआ यह मंदिर एक बड़ी दीवार के जरिए चारों तरफ से घिरा हुआ है. रामेश्वरम मंदिर का प्रवेश द्धार 40 मीटर ऊंचा है. यह मंदिर विश्व में सबसे लंबे गलियारे के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां पर तीन गलियारे हैं, जिनमें से पहला गलियारा 12वीं सदी का माना जाता है. वहीं दूसरे गलियारे में 108 शिवलिंग और गणपति की खूबसूरत मूर्ति है. मान्यता है कि यहां पर कभी सैकड़ों की संख्या में तालाब हुआ करते थे, लेकिन अब उनमें से सिर्फ दो बचे हैं.
इन कुओं के जल से दूर होता है सारा दोष
यहां पर 24 कुएं हैं, जिनके बारे में मान्यता है कि इसे भगवान राम ने स्वयं बनाया था. इन सभी कुओं के जल से स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इन कुओं में स्नान करने पर व्यक्ति के जीवन से जुड़े सारे दु:ख और दोष दूर हो जाते हैं.