Maghi Purnima 2022: माघी पूर्णिमा कब है? जानिए इसकी तिथि, पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

Maghi Purnima 2022: माघी पूर्णिमा कब है? जानिए इसकी तिथि, पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

Maghi Purnima 2022: माघ का माह (Magh Maah) का हिंदू धर्म में एक खास महत्व होता है. भक्त इस दिन खास रूप से पूजा और अर्चना किया करते हैं. इस दिन व्रत भी रखा जाता है.

Maghi Purnima

Maghi Purnima 2022: माघ का माह (Magh Maah) पूजा-पाठ के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) का पर्व मनाया जाता है, इसको माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है. माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का खास महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघी पूर्णिमा के दिन अगर भक्ति भाव से पूजा अर्चना की जाए तो इसका अनन्त फल मिलता है. माघी पू​र्णिमा के दिन चंद्रमा (Moon) और माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की पूजा विशेष रूप से की जाती है. आइए जानते हैं 2022 की माघी पूर्णिमा कब है?

माघी पूर्णिमा 2022 तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा होा है. इस बार माघी पूर्णिमा 15 फरवरी दिन मंगलवार को रात 09 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रही है, इसका समापन अगले दिन 16 फरवरी बुधवार को रात 01 बजकर 25 मिनट पर होगा. ऐसे में 16 फरवरी को ही माघी पूर्णिमा को मनाया जाएगा, इसी दिन पूर्णिमा स्नान, दान एवं व्रत भी रखा जाएगा.

कब है शुभ योग

इस साल 2022 की माघी पूर्णिमा शोभन योग में पड़ रही है. ऐसे में बता दें कि मार्घी पूर्णिमा का ये शोभन योग रात 08 बजकर 44 मिनट तक रहने वाला है. ये योग मांगलिक कार्यों और नए कार्यों के लिए शुभ होता है. इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02:28 बजे से लेकर दोपहर 03:12 बजे तक ही रहने वाला है.

जानिए माघी पूर्णिमा 2022 पंचांग

सूर्योदय: प्रात: 06:59 बजे
सूर्यास्त: सायं 06:12 बजे
चन्द्रोदय: शाम 05:54 बजे
चन्द्रास्त: उस दिन चन्द्रास्त समय प्राप्त नहीं है.

सत्यनारायण कथा का महत्व

इस दिन पूर्णिमा व्रत रखने के साथ ही सत्यनारायण भगवान की कथा को सुनना और घर में इसका आयोजन करवाना काफी फलदायी और शुभ माना जाता है. कहते हैं इस दिन कथा करवाने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही घर में हवन आदि भी इस दिन विशेष रूप से करवाया जाता है.

बता दें कि पूर्णिमा की रात चंद्रमा के दर्शन करने का भी खास महत्व होता है. इस दिन व्रत रखने वालों को चंद्रमा के दर्शन के बाद भी व्रत खोलना चाहिए. इसके अलावा इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा से कुंडली में चंद्रमा का दोष दूर होता है. इस रात धन एवं वैभव की देवी माता लक्ष्मी की भी पूजा करने की परंपरा है. अगर आप इस दिन मां को खुश करना चाहते हैं तो खास रूप से माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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