Chandra Grahan 2023: क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण, पढ़ें इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
आज साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण का क्या महत्व है और इसके दोष से बचने और शुभ फल की प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए, इसे विस्तार से जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
आज साल का पहला चंद्रग्रहण (First Lunar Eclipse of 2023) लगेगा जो कि उपच्छाया ग्रहण होगा. बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) के दिन लगने वाला इस ग्रहण को लेकर लोगों में तमाम तरह की जिज्ञासाएं हैं. मसलन यह ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं? अगर नहीं दिखेगा तो क्या इसका असर होगा या नहीं? इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा अथवा नहीं? चंद्र ग्रहण के दौरान और चंद्र ग्रहण के बाद क्या करना चाहिए? चंद्र ग्रहण में किस मंत्र का जप और दान इसके दोष से मुक्ति दिलाता है? इन सभी सवालों के जवाब के साथ आइए चंद्र ग्रहण के ज्योतिषीय एवं धार्मिक महत्व को विस्तार से जानते हैं.
- प्रयागराज के ज्योतिषविद् पं. आदित्य कीर्ति के अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता है और यह आम दिनों में नजर आने वाले आकार का ही नजर आता है. हालांकि आज उपच्छाया चंद्रग्रहण वाले दिन चंद्रमा कुछ मटमैले रंग का दिखाई देगा. पं. आदित्य कीर्ति के अनुसार आज चंद्रमा ग्रहण के दौरान कुछ मल्न्यि अवस्था में नजर आएगा. इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण का स्पर्श रात को 08:45 बजे होगा, जबकि परमग्रास चन्द्र ग्रहण रात को 10:53 बजे होगा और यह 06 मई 2023 को पूर्वाह्न 01:00 बजे जाकर खत्म होगा. हिंदू मान्यता के अनुसार जो ग्रहण आंखों से नजर न आए तो उसका सूतक मान्य नहीं होता है.
- चंद्र ग्रहण के बाद गंगा स्नान का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. मान्यता है कि यदि चंद्र ग्रहण के बाद गंगा स्नान और उसके बाद भगवान श्री विष्णु की पूजा करने पर दान से कई गुना ज्यादा पुण्यफल प्राप्त होता है और व्यक्ति को ग्रहण से लगने वाले दोष से मुक्ति मिल जाती है. यदि आप गंगा तट पर न पहुंच पाएं तो चंद्र ग्रहण के बाद किसी अन्य जल तीर्थ पर जाकर इस पुण्य का लाभ उठा सकते हैं अथवा अपने घर में नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें. चंद्र ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगा जल छिड़कना चाहिए.
- हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण के दोष से बचने के लिए कुछेक नियम बताए गये हैं. इन नियमों को उन स्थानों पर रह रहे लोगों को पालन करना चाहिए जहां पर यह ग्रहण नजर आएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए. इसी प्रकार इस दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए. चंद्र ग्रहण दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति का स्पर्श और पूजा नहीं करनी चाहिए, हालांकि आप इस दौरान मंत्र का जप कर सकते हैं.
- ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण के कारण तमाम राशियों के अनुसार प्रभाव पड़ता है. मान्यता है कि यदि चंद्र ग्रहण वाले दिन चंद्रमा के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’ अथवा भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए. मान्यता है कि मंत्र जप के शुभ प्रभाव से चंद्र ग्रहण का दोष दूर हो जाता है.
- हिंदू धर्म में दान को जीवन से जुड़े सभी प्रकार के दोष को दूर करने वाला माना गया है. ऐसे में चंद्र ग्रहण वाले दिन इससे लगने वाले दोष से बचने के लिए किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र और धन आदि का अपने सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने से चंद्र ग्रहण के दोष से मुक्ति मिल जाती है.
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(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)