आंबेडकर ने अपना जीवन हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए समर्पित किया… कानपुर में बोले भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सोमवार (14 अप्रैल) को कानपुर में नवनिर्मित केशव भवन और डॉ. भीमराव आंबेडकर सभागार का उद्घाटन किया. स मौके पर उन्होंने हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए आंबेडकर के प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि बचपन से ही कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद वह सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय विकास के लिए प्रतिबद्ध रहे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सोमवार (14 अप्रैल) को कानपुर में नवनिर्मित केशव भवन और डॉ. भीमराव आंबेडकर सभागार का उद्घाटन किया. यह आयोजन आंबेडकर की जयंती के मौके पर आयोजित किया गया था. इस मौके पर उन्होंने हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए आंबेडकर के प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि बचपन से ही कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद वह सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय विकास के लिए प्रतिबद्ध रहे.
यहां करावलो नगर में नवनिर्मित चार मंजिला संघ के क्षेत्रीय कार्यालय केशव भवन के उद्घाटन के मौके अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि बाबा साहब को अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. बचपन से ही उन्हें भेदभाव और असमानता का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी उन्होंने अपने पूरे जीवन में हिंदू समाज को एकजुट करने की कोशिश. उन्होंने कहा कि सामाजिक एकता और प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरणा है.
‘आंबेडकर और हेडगेवार ने हिंदू समाज के लिए काम किया’
भागवत ने आंबेडकर और संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के बीच समानताओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दोनों ही लोगों ने अपना जीवन समाज के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया और राष्ट्रीय विकास के लिए एक ही दृष्टिकोण रखा. उन्होंने कहा कि आंबेडकर और हेडगेवार दोनों ने जीवन भर हिंदू समाज के लिए काम किया. उन्होंने एक मजबूत और विकसित भारत का सपना देखा. भागवत ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि संघ के नए केशव भवन का उद्घाटन आंबेडकर जयंती के दिन हुआ.भागवत ने बताया कि आंबेडकर एक बार महाराष्ट्र के कराड में संघ की शाखा में शामिल हुए थे, तो उन्होंने कहा था- कुछ मामलों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मुझे यहां अपनापन महसूस होता है.
‘जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वो देश और समाज के लिए जवाबदेह’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वो देश और समाज के लिए जवाबदेह हैं. एक दिन उनसे पूछा जाएगा कि उन्होंने भारत के लिए क्या किया. भागवत ने कहा कि हिंदू समाज को इस जिम्मेदारी के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि संघ अपने काम के जरिए राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है.