मैं मरते दम तक भारतीय रहूंगी…और फूट-फूटकर रोने लगीं थी Sania Mirza
सानिया मिर्जा ने टेनिस को अलविदा कह दिया. मंगलवार को उन्होंने अपने करियर का आखिरी मैच खेला, जबकि पिछले महीने उन्होंने आखिरी ग्रैंड स्लैम खेला था
अगर मैं रोती हूं तो ये खुशी के आंसू हैं…और ये कहते-कहते सानिया मिर्जा की आंखें नम हो गई थी. उन्होंने ये बात ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिक्स्ड डबल्स फाइनल में हार के बाद कही थी. जो उनके करियर का आखिरी ग्रैंड स्लैम मैच था और मंगलवार को सानिया ने अपने टेनिस करियर का आखिरी मैच खेला, मगर दुबई चैंपियनशिप के पहले ही राउंड में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जाहिर तौर पर ये सानिया के लिए भावुक कर देने वाला लम्हा है.
वैसे सानिया मिर्जा इससे पहले भी भावुक हुई हैं. लगभग 9 साल पहले 2014 में सानिया मिर्जा एक नेशनल टीवी चैनल पर रो पड़ी थीं. उस वक्त सानिया मिर्जा की नागरिकता पर ही सवाल खड़ा कर दिया गया था और ये बात इस भारतीय स्टार को अंदर तक झकझोर गई. सानिया मिर्जा को रोते हुए कहना पड़ा कि वो मरते दम तक भारतीय ही रहेंगी.
सानिया मिर्जा के साथ उस दिन क्या हुआ था?
साल 2014 में सानिया मिर्जा को तेलंगाना राज्य का ब्रांड एंबेसडर बनाया था. इस फैसले का विरोध शुरू हुआ और एक नेता का बयान सानिया मिर्जा को अंदर तक झकझोर गया. बीजेपी नेता के लक्ष्मण ने सानिया मिर्जा को पाकिस्तान की बहू बताते हुए कहा कि उन्हें तेलंगाना राज्य का ब्रांड एंबेसडर नहीं बनाना चाहिए. इसके बाद सानिया मिर्जा ने एक निजी टीवी चैनल को इंटरव्यू के दौरान कहा कि आखिर कबतक उन्हें अपने भारतीय होने का सबूत देना होगा. सानिया मिर्जा ने कहा कि वो मरते दम तक भारतीय रहेंगी और ये कहते-कहते वो रो पड़ीं.
सानिया मिर्जा ने करोड़ों दिल जीते
अब लगभग 9 साल के बाद एक बार फिर सानिया मिर्जा की आंखों में आंसू हैं लेकिन इस बार भारत के हर नागरिक को उनपर नाज़ है. वो इसलिए क्योंकि भारतीय टेनिस में सानिया मिर्जा का बड़ा योगदान है. सानिया मिर्जा भले ही अपने आखिरी टूर्नामेंट के पहले ही दौर में हार गई लेकिन उन्होंने एक दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में अपने खेल, अपने एटीट्यूड, अपनी सोच से देश के हर खेल प्रेमी का दिल जीता है.