क्या स्वरा भास्कर के पति की हार 99% चार्ज वाली EVM बैटरी के कारण हुई? जानें आरोप में कितना दम और चुनाव आयोग का जवाब
Swara Bhaskar claims EVM battery 99 percent: पति की हार पर स्वरा भास्कर ने दावा किया है कि पूरा दिन वोटिंग के बावजूद EVM 99 फीसदी तक कैसे चार्ज रह सकती है? आरोप लगाया कि जैसे ही पूरी चार्ज ईवीएम मशीन खुली भाजपा समर्थित NCP को वोट मिलने लगे. उन्होंने आयोग से जवाब की मांग की है. जानिए, EVM की 99 फीसदी बैटरी का मतलब क्या है?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने सवाल उठाए हैं. पति की हार के बाद उन्होंने कहा है कि पूरा दिन वोटिंग के बावजूद EVM 99 फीसदी तक कैसे चार्ज रह सकती है? आरोप लगाया कि जैसे ही पूरी चार्ज ईवीएम मशीन खुली भाजपा समर्थित NCP को वोट मिलने लगे. उन्होंने आयोग से जवाब की मांग की है. स्वरा भास्कर ने जो दावा किया है यह कोई पहला मामला नहीं है.
इसी साल अक्टूबर में हरियाणा चुनाव की काउंटिंग के बाद कांग्रेस ने भी यही मामला उठाया था. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना था, कुछ कांग्रेस उम्मीदवारों ने बताया कि पार्टी 60-70% बैटरी चार्ज वाली ईवीएम पर जीत रही है, लेकिन 99% बैटरी चार्ज वाली ईवीएम पर हार रही है. इसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन में भी रमेश ने कहा कि पार्टी चुनाव परिणामों को स्वीकार नहीं कर सकती.
क्या है 99% बैटरी चार्ज वाली EVM का फंडा?
हरियाणा में 26 विधानसभाओं के कांग्रेस प्रत्याशी ने इसको लेकर शिकायत दर्ज की थी. राज्य में जब यह मामला उठा तो हरियाणा चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने इसका जवाब. उन्होंने कहा, कांग्रेस प्रत्याशियों की तरफ से शिकायत में किसी भी तरह का सबूत नहीं दिया गया है जिससे साबित हो कि कुछ गलत हुआ है.
उन्होंने कहा, RO ने ईवीएम से संबंधित महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के दौरान कांग्रेस उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति भी दर्ज की थी. मतदान से छह से आठ दिन पहले उन्हें चालू करने और ईवीएम की नियंत्रण इकाइयों में नई बैटरियों की स्थापना से लेकर सीलिंग, मतदान और मतगणना के बाद वो प्रतिनिधि मौजूद रहे. चुनाव आयोग ने बताया था कि ईवीएम की बैटरी पर दिखने वाले पर्सेंटेज का मतलब है.
आयोग का कहना ईवीए और वीवीपैट, दोनों में बिजली को पहुंचाने के लिए नॉन-रिचार्जेबल अल्केलाइन सेल्स का इस्तेमाल किया जाता है. ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में पॉवर पैक 5 सिंगल यूज एल्केलाइन सेल्स होती हैं. इनकी उम्र 5 साल होती है. वहीं VVPAT में ऐसी 30 सेल्स होती हैं. सिस्टम को 5.5 वोल्ट (V) से 8.2V के पावर पैक का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
अब सवाल उठता है कि ईवीएम की बैटरी 99 फीसदी क्यों चार्ज दिखाती है. चुनाव आयोग का कहना है, बैटरी के 99 फीसदी तक चार्ज दिखने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि बैटरी वाकई में 99 फीसदी चार्ज है. जब बैटरी का वोल्टेज गिरता 8.2V और 7.4V के बीच हो जाता है तो बैटरी 99 फीसदी दिखाती है.
केवल एक बार जब यह 7.4V से नीचे चला जाता है तो वास्तविक बैटरी लेवल दिखाई देता है. 5.8V से कम वोल्टेज पर, डिस्प्ले पर “बैटरी बदलें” साइन चमकता है, और 5.5V से नीचे, ईवीएम काम करना बंद कर देता है. हालांकि इसमें मौजूद डेटा बरकरार रहता है.
स्वरा भास्कर की पोस्ट
पूरा दिन वोट होने के बावजूद EVM मशीन 99% कैसे चार्ज हो सकती है ? इलेक्शन कमीशन जवाब दे.. @ECISVEEP @SpokespersonECI अणुशक्ति नगर विधानसभा में जैसे ही 99% चार्ज मशीने खुली उसके बीजेपी समर्थित एनसीपी को वोट मिलने लगे आख़िर कैसे ? @NCPspeaks
— Swara Bhasker (@ReallySwara) November 23, 2024
चुनाव आयोग का कहना है, ईवीएम एक स्टैंड-अलोन इकाई है जो बिना बाहरी बिजली के बिना काम करती है, इसलिए रिचार्जेबल सेल्स का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा, एल्केलाइन बैट्ररी अत्यधिक तापमान में भी काम कर सकती हैं और विश्वसनीय होती हैं, जिससे वोल्टेज आउटपुट में धीरे-धीरे कमी आती है. ईसी ने कहा कि इस प्रकार की सेल्स का उपयोग अक्सर पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरणों के लिए आपातकालीन पावर बैक-अप, सैन्य रेडियो और जीपीएस सिस्टम में किया जाता है.
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