पिता की लड़ाई अब बेटों तक पहुंची, बीच मैदान पर ये क्या हो गया

पिता की लड़ाई अब बेटों तक पहुंची, बीच मैदान पर ये क्या हो गया

shivnarine Chanderpaul के बेटे ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में टेस्ट डेब्यू किया था. वह अभी तक अपने देश के लिए चार टेस्ट मैच खेल चुके हैं.

वेस्टइंडीज की टीम इस समय साउथ अफ्रीका के दौरे पर है. इसकी शुरुआत ये टीम प्रेक्टिस मैच के साथ कर रही है. इस समय बेनोनी में साउथ अफ्रीका इनविटेशन इलेवन और वेस्टइंडीज के बीच ये मैच खेला जा रहा है. इस मैच में इन दो टीमों के दो दिग्गज पूर्व खिलाड़ियों के बेटे खेल रहे हैं और जब इन दोनों का आमना-सामना हुआ तो साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी ने बाजी मार ली. हम बात कर रहे हैं साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एंटिनी के बेटे थांडो एंटिनी और वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज शिवनाराण चंद्रपॉल के तेजनारायण चंद्रपॉल की.

चंद्रपॉल के बेटे ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में टेस्ट डेब्यू किया था. वह अभी तक अपने देश के लिए चार टेस्ट मैच खेल चुके हैं. लेकिन थांडो ने अभी तक साउथ अफ्रीका के लिए डेब्यू नहीं किया है.वह हालांकि अपनी गेंदबाजी से काफी सुर्खियां बटोर चुके हैं.

बाजी मार ले गए एंटिनी

तेजनारायण बतौर ओपनर उतरे थे लेकिन वह टीम के लिए ज्यादा योगदान नहीं दे सके. थांडो एंटिनी ने उन्हें महज एक रन पर आउट कर दिया. इस बल्लेबाज ने 21 गेंदें खेली लेकिन अपनी पारी को एक रन से आगे नहीं ले जा सके. थांडो एंटिनी की गेंद पर तेजनारायण, कोर्बिन बॉश्च द्वारा लपके गए. मखाया एंटिनी और चंद्रपॉल जब भी मैदान पर उतरते थे तब इन दोनों के बीच अच्छी प्रतिद्वंदिता देखने को मिलती थी. कुछ यही हाल इस मैच में इन दोनों के बेटों में दिखा.

जिम्बाब्वे के खिलाफ चला था बल्ला

तेजनारायण ने अपना पहला टेस्ट मैच 20 नवंबर 2022 को पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. इस मैच की पहली पारी में उन्होंने अर्धशतक जमाया था और 51 रन बनाए थे. दूसरी पारी में उनके बल्ले से 45 रन निकले थे. एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 47 और 17 रनों की पारियां खेली थीं. उन्होंन अपना पहला टेस्ट शतक तीसरे मैच में मारा था और इसे दोहरे शतक में तब्दील करने में सफल रहे थे. बुलवायो में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए इस मैच की पहली पारी में नाबाद 207 रन बनाए थे. ये उनका टेस्ट करियर का पहला शतक था. दूसरी पारी में उनके बल्ले से हालांकि सिर्फ 15 रन ही निकले थे.