27 फरवरी को आएगा Exit Poll, इस तारीख को तय होगा त्रिपुरा में किसकी सरकार?
त्रिपुरा में इस बार त्रिकोणीय लड़ाई बताई जा रही है. कांग्रेस और वाममोर्चा ने मिलकर चुनाव लड़ा है. चुनाव के नतीजे नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा के साथ 2 मार्च को आएंगे.
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2023 के लिए वोटिंग हो चुकी है. यहां पर विधानसभा की 60 सीटें हैं. बीजेपी 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि माकपा 47 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस बार यहां पर लोगों ने मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. वोटिंग प्रतिशत 88 फीसदी रहा. वर्तमान में यहां बीजेपी गठबंधन सरकार है. गालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. इसके बाद Exit Poll सर्वे आएंगे.
त्रिपुरा चुनाव परिणाम 2 मार्च को आएंगे. इस दिन पता चलेगा कि बीजेपी दोबारा सत्ता पर काबिज होगी या फिर विपक्ष सत्ता पर लौटेगा. सभी 60 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान 16 फरवरी को एक ही स्थान पर संपन्न हुआ जो काफी हद तक शांतिपूर्ण था. कुल 28.14 लाख मतदाताओं में से 24.66 लाख से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार राज्य में लगभग 88 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. त्रिपुरा में 2018 के विधानसभा चुनावों में 89.38 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जबकि 2013 में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत 93 था. गौरतलब है कि टाउन बरदोवाली विधानसभा क्षेत्र जहां सीएम माणिक साहा के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार आशीष कुमार साहा खड़े हैं, वहां पर सबसे कम 80 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि दक्षिण त्रिपुरा की मनु विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 92.09 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
इलेक्शन कमीशन के अनुसार 16 फरवरी को हुए चुनावों में कई विधानसभा क्षेत्रों में 90 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था. सभी मतदान ईवीएम को 36 स्ट्रांग रूम में रखा गया है जहां चौबीसों घंटे सीसीटीवी निगरानी के अलावा त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. सत्तारूढ़ बीजेपी ने 60 निर्वाचन क्षेत्रों में से 55 पर उम्मीदवार खड़े किए, जबकि उसके सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने छह सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए.
वाम मोर्चा जो 20 साल के लंबे कार्यकाल के बाद 2018 में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन से हार गया था, 47 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. राज्य में पहली बार वाम दलों के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस ने 13 विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. क्षेत्रीय तिपरा मोथा (tipra motha party) भी बिना किसी सहयोगी के 42 सीटों पर चुनाव मैदान में है.