‘अभी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं…’ BBC के ऑफिस में IT रेड पर अमेरिका

‘अभी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं…’ BBC के ऑफिस में IT रेड पर अमेरिका

बीबीसी की ओर से दो पार्ट वाली डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को प्रसारित करने के कुछ हफ्ते बाद उसके दफ्तरों पर आईटी की रेड हुई है. इस रेड को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है.

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) के दिल्ली और मुंबई दफ्तरों में आयकर विभाग की छापेमारी पर बवाल मच गया है. इस छापेमारी को लेकर राजनीतिक बहस शुरु हो गई. इस मामले पर अब अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. यूएस ने कहा है कि हम बीबीसी के दफ्तरों में आईटी के सर्वे से अवगत हैं, लेकिन अभी हम कोई निर्णय देने की स्थिति में नहीं हैं. वहीं, रेड पर बीबीसी ने कहा है कि हम अधिकारियों को पूरा सहयोग कर रहे हैं और आशा करते हैं कि हालात ‘जल्द से जल्द’ सामान्य हो जाएंगे.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करता है. प्राइस ने कहा कि अमेरिका मानवाधिकारों के रूप में अभिव्यक्ति और धर्म की स्वतंत्रता की जरूरतों को उजागर करना जारी रखता है, जो दुनिया भर में लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान देता है.

वैश्विक मीडिया संस्थाओं ने की आलोचना

वैश्विक मीडिया संस्थाओं और मानवाधिकार संगठनों ने बीबीसी के दफ्तरों पर आईटी की सर्वे की निंदा की है. इन्होंने कहा है कि डराने की नीयत से यह कार्रवाई की गई है और यह अभिव्यक्ति की आजादी का खुला अपमान है.न्यूयॉर्क स्थित स्वतंत्र गैर-लाभकारी संस्था कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने भारत सरकार से पत्रकारों का उत्पीड़न रोकने का आग्रह किया. सीपीजे के एशिया कार्यक्रम के समन्वयक बेह ली यी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना वाली एक डॉक्यूमेंट्री के मद्देनजर बीबीसी के दफ्तरों पर छापा मारने से डराने की बू आती है.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का घोर अपमान- एमनेस्टी इंटरनेशनल

पेरिस में स्थित संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने ट्वीट किया, नरेंद्र मोदी के बारे में वृत्तचित्र की सेंसरशिप के तीन सप्ताह बाद भारत में बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर अधिकारियों की छापेमारी अपमानजनक प्रतिशोध जाहिर होता है. आरएसएफ किसी भी आलोचना को दबाने के भारत सरकार के इन प्रयासों की निंदा करता है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ट्वीट किया: ये छापे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का घोर अपमान हैं.

भारत सरकार ने क्या कहा?

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और आयकर विभाग उस सर्वेक्षण के बारे में ब्योरा साझा करेगा, जो उसने नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में किया है. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग समय-समय पर ऐसी जगहों पर सर्वेक्षण करता है, जहां कुछ अनियमितताएं होती हैं.