West Bengal: बंगाल में हादसे के बाद ट्रेनों की लेटलतीफी, कहीं 4 तो कहीं 6 घंटे लेट चल रही गाड़ियां

West Bengal: बंगाल में हादसे के बाद ट्रेनों की लेटलतीफी, कहीं 4 तो कहीं 6 घंटे लेट चल रही गाड़ियां

कंचनजंगा एक्सप्रेस वाले हादसे के बाद से रेलवे की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं अब यात्री सेवाओं पर भी एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है. पश्चिम बंगाल में दो ट्रेनों ने यात्रियों को जी भर कर परेशान किया. हावड़ा-दीघा कंडारी एक्सप्रेस और बारबिल-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस लेट हो गई तो यात्रियों को घंटों स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा.

गर्मियों के मौसम में ट्रेन से सफर करना वाकई अंग्रेजी वाले सफर जैसा लगता है. और ऐसे में ट्रेन लेट हो जाए तो सोने पर सुहागा. ट्रेनों के लेट होने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ताजा मामला पश्चिम बंगाल से सामने आया. यहां की दो ट्रेने इतना लेट हो गईं की यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा. हावड़ा-दीघा कंडारी एक्सप्रेस और बारबिल-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस लेट हो गई तो यात्रियों को घंटों स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा.

कंचनजंगा एक्सप्रेस वाले हादसे के बाद से रेलवे की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं अब यात्री सेवाओं पर भी एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है. पश्चिम बंगाल में दो ट्रेनों ने यात्रियों को जी भर कर परेशान किया. एक ट्रेन 4 घंटे देरी से रवाना हुई तो दूसरी ट्रेन 6 घंटे लेट थी. पहला मामला हावड़ा-दीघा कंडारी एक्सप्रेस का था. कंडारी एक्सप्रेस हावड़ा से दोपहर 2:25 बजे रवाना होती है. इसे शाम 5:50 बजे दीघा पहुंचना है.

4 घंटा लेट हुई ट्रेन

यह ट्रेन शाम 6:25 बजे फिर दीघा से निकलकर हावड़ा की ओर चलती है. 9:45 बजे हावड़ा पहुंच जाती है. लेकिन बुधवार को ऐसा नहीं हुआ. जब ट्रेन दीघा से हावड़ा के लिए रवाना हुई तो रात के करीब 11:45 बज रहे थे. जैसे-तैसे कर के ट्रेन चली तो संत्रगाची में ट्रेन को अचानक रोक दिया गया. ऐसे करते-करते ट्रेन साढ़े 4 घंटे लेट हो गई और रात करीब 2.30 बजे संत्रगाची स्टेशन पहुंची. ट्रेन के इस तरह लेट होने से यात्रियों में काफी आक्रोश था. यहां तक की इस लाइन के नियमित यात्रियों ने बताया की तीन से चार घंटे तक लेट होना अब इस ट्रेन के लिए रोजमर्रा की बात हो गयी है.

लोगों ने जताया गुस्सा

तो वहीं दूसरी ओर यही हाल बारबिल-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस का भी है. इसे रात 8:55 मिनट पर हावड़ा पहुंचना था. ट्रेन 6 घंटे लेट थी और रात 2 बजे के बाद संत्रगाची में रुकी. नतीजतन, कई लोग अपने परिवार के साथ स्टेशन पर रात बिताते नजर आए. इस संबंध में दक्षिण-पूर्व रेलवे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि डाउन ट्रेन या लिंक ट्रेन के दौरान आउटेज के कारण यह समस्या हुई है. ट्रेनों के पुनर्निर्धारण के निर्देश पहले ही दे दिए गए थे. खैर, वजह चाहें जो भी रही हो लेकिन ट्रेनों के इतना देरी से चलने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.