BSF को भी मानना होगा कानून, सिर्फ गोली चलाना काम नहीं, ममता ने किया दार्जिलिंग बंद का विरोध
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को फिर से बीएसएफ पर हमला बोला और साफ कहा कि बीएसएफ को भी कानून का पालन करना होगा. इसके साथ ही उन्होंने दार्जिलिंग बंद का विरोध किया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर बीएसएफ के खिलाफ अपना सुर तेज किया. सिलीगुड़ी में सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश मां और बेटी को बुलडोजर के साथ जला दिया गया. सुनने में आया है कि बीएसएफ की महिला कांस्टेबल के साथ रेप किया गया है. कुछ दिन पहले राजवंशी युवक को 180 बार बंदूक छर्रे से मारा गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने कूचबिहार के एसपी को इस मामले का पूरा जांच करने का आदेश दिया है. बीएसएफ को भी कानून मानकर चलना होगा. बार्डर पर केवल गोली करने का अधिकार नहीं दिया. यदि कोई गलती की है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही सीएम ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग बंद का विरोध किया.
बता दें कि कुछ दिन पहले कूचबिहार में एक राजवंशी युवक की बीएसएफ की गोली से मौत हो गई थी. उस समय भी ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि बीएसएफ राजवंशी युवकों को गोली मार रही है. अब फिर से बीएसएफ के खिलाफ मुंह खोला है.
दार्जिलिंग में नहीं होगा बंद, कानून करेगा काम
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी में एक कार्यक्रम में कहा कि वे विकास के लिए नहीं, बंद के नाम पर पहाड़ में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “कोई बंद (पहाड़ों में) नहीं होगा,” उन्होंने जीटीए विपक्षी नेता बिनय तमांग, अजय एडवर्ड्स के प्रति स्पष्ट संदेश दिया, जिन्होंने बंद का आह्वान किया है. बता दें कि माध्यमिक परीक्षा आगामी 23 फरवरी से शुरू हो रही है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया है कि उस दिन किसी भी बंद का समर्थन नहीं किया जाएगा और आदेश की अवहेलना करने पर प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही मुख्यमंत्री ने कड़ा संदेश दिया.
बंद का समर्थन करने वालों पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कंचनजंघा स्टेडियम में भाषा दिवस समारोह से गोरखालैंड की मांग को लेकर पहाड़ पर बंद के विनय तमांग के आह्वान को खारिज कर दिया. बिना नाम लिए मुख्यमंत्री ने विनय तमांग को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर बंद हुआ तो हम बंद का समर्थन नहीं करेंगे. माध्यमिक परीक्षा 23 से शुरू हो रही है. मैं प्रशासन की ओर से निर्देश दे रही हूं कि अगर कोई बंगाल विभाजन को लेकर आंदोलन करने जाता है तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा, ”हर किसी को विरोध करने का अधिकार है. लेकिन, कानून का पालन करना चाहिए. सरकार कानून हाथ में लेने वाले किसी को भी नहीं बख्शेगी, चाहे वह कोई भी हो.”