रक्षाबंधन कब है 11 या 12 को, जानें कब और किस मुहूर्त में बहनें भाई को बांधेंगी राखी?
बहनों को जिस रक्षाबंधन पर्व का इंतजार पूरे साल बना रहता है, भद्रा के कारण इस साल उसकी तारीख को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। रक्षा बंधन की सही तारीाख और शुभ मुहूर्त जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
हिंदू धर्म में श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन के महापर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उसकी कलाई में राखी बांधती हैं, जिसके बदले में भाई अपनी बहन को ताउम्र रक्षा करने का वचन देता है. रक्षाबंधन के लिए महापर्व का इंतजार बहनों को पूरे साल बना रहता है, उस दिन भद्रा का साया लगने के कारण लोगों के मन में कन्फ्यूजन है कि वह 11 अगस्त या फिर 12 अगस्त को मनाया जाएगा. आइए उत्तराखंड ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष पं. रमेश सेमवाल से जानते हैं कि रक्षा बंधन का पर्व कब और किस शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा.
कब और किस मुहूर्त में बहनें बांधे राखी
पं. रमेश सेमवाल के अनुसार इस साल रक्षाबंधन पर्व 11 अगस्त 2022 को पड़ने जा रहा है, जिसमें अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा में भद्रा दोष बना हुआ है. पंचांग के अनुसार 11 अगस्त 2022 को सूर्योदय के साथ चतुर्दशी तिथि रहेगी और इस दिन प्रात:काल 10:58 से पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी. जिसके साथ भद्रा भी लग जाएगी जो कि इस दिन रात को 08:50 बजे तक रहेगी. चूंकि शास्त्रों में भद्राकाल में श्रावणी पर्व को मनाने के लिए निषेध किया गया है, ऐसे में रात्रि 08:50 के बाद ही राखी बांधना शुभ रहेगा.
इस समय नहीं लगेगा भद्रा का दोष
पं. रमेश सेमवाल के अनुसार रक्षाबंधन के दिन लगने वाली भद्रा का निवास पृथ्वी लोक पर न होकर पाताल लोक पर है. रक्षा बंधन के दिन घटित होने वाली भद्रा वृश्चिका भद्रा है. सर्पिणी भद्रा नहीं होने के कारण यदि बहुत मजबूरी हो तो बहनें अपने भाई को सायंकाल 06:08 से रात्रि 08:00 बजे के बीच भी राखी बांध सकती हैं.
भाई को राखी बांधने की सही विधि
रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने से पहले स्नान करके एक थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, मिठाई, शुद्ध घी का दीपक और अपने भाई के राशि के अुनसार धागे से बनी या फिर रेशम या सूत से बनी राखी रखें. इसके बाद अपने भाई को पूर्व या उत्तर दिशा में खड़ा कर दें. इसके बाद उसे तिलक लगाकर दाएं हाथ की कलाई में रक्षासूत्र या फिर कहें राखी बांधें. इसके बाद भाई की आरती उताकर मिठाई खिलाकर उसके उज्जवल भविष्य और दीर्घायु की कामना करें.
धर्म-अध्यात्म से जुड़ी अन्य खबरों के लिए यहां देखें
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)