कौन हैं लखनऊ में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान मौत के शिकार बने प्रभात पांडेय?

कौन हैं लखनऊ में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान मौत के शिकार बने प्रभात पांडेय?

निर्मला पासवान ने कहा कि यह सरकार जनहित के खिलाफ काम कर रही है. जनता की आवाज को दबाती है और उसकी आवाज बनने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को निरंकुशता से मार देती है. ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है.

कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को विधानसभा घेराव का ऐलान किया था. उसी क्रम में गोरखपुर से भी तमाम कार्यकर्ता लखनऊ पहुंचे थे. इस प्रदर्शन के दौरान उत्साही कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत हो गई. जिसके बाद से उनके घर और गांव में शोक का माहौल है.

कांग्रेस की निवर्तमान जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने बताया कि प्रभात पांडेय सहजनवां थाना क्षेत्र के देईपार गांव के रहने वाले थे. वह यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव के पद पर भी रहे हैं. वह बेहद होनहार और उत्साही कार्यकर्ता थे. हमेशा पार्टी की गतिविधियों में बढ़- चढ़कर हिस्सा लेते थे.

सरकार के खिलाफ विधानसभा घेराव का ऐलान

निर्मला पासवान ने कहा कि पार्टी ने प्रदेश की तानाशाही बीजेपी सरकार के खिलाफ विधानसभा घेराव का ऐलान किया था. उसी क्रम में सभी कार्यकर्ताओं के साथ वह भी लखनऊ पहुंचे थे, लेकिन वहां सरकार की निरंकुशता के शिकार हो गए. बीजेपी सरकार किसान, नौजवान, बेरोजगार सभी के साथ दुर्व्यवहार कर रही है.

दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या

उन्होंने कहा कि अमतौरा में गरीब परिवार के शिवधनी को दबंगों ने दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी, लेकिन हम लोग वहां तक संवेदना व्यक्त करने भी नहीं जा पाए. जैसे ही हम लोग जनता की आवाज उठाने की कोशिश करते हैं वैसे ही सरकार हमें घरों में नजर बंद कर दे रही है.

सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं

निर्मला पासवान ने कहा कि यह सरकार जनहित के खिलाफ काम कर रही है. जनता की आवाज को दबाती है और उसकी आवाज बनने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को निरंकुशता से मार देती है. ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है. बता दें कि मौत की सूचना जैसे ही प्रभात के गांव में पहुंची घर, परिवार व गांव में मातम छा गया.