मां के हत्यारे की मौत की सजा पर ‘सुप्रीम’ रोक, हत्या के बाद खाए थे बॉडी पार्ट!
साल 2021 में कोल्हापुर कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया था. इस मामले में 12 लोगों ने गवाही दी थी. जानकारी के मुताबिक सुनील की मां यल्लावा कुचकोरवी गांव-गांव जाकर गुब्बारे और कंघी बेचती थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2017 में अपनी मां की हत्या करने और उसके अंग खाने के दोषी सुनील कुचकोरवी की मौत की सजा पर रोक लगा दी है. बता दें कि कोल्हापुर कोर्ट ने सुनील कुचकोरवी को मौत की सजा सुनाई था. कोर्ट ने इसे नरभक्षण का मामला बताते हुए कहा था कि दोषी में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है. हाईकोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने कहा था कि यह मामला ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ कैटेगरी में आता है. अगर उसे उम्रकैद दी जाएगी तो वह जेल में भी ऐसा अपराध कर सकता है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत, पंकज मिथल और उज्ज्वल भुयान की तीन सदस्यीय पीठ ने दोषी की तरफ से दायर अपील पर नोटिस जारी किया है. इसमें निचली अदालत द्वारा शुरू में दी गई मौत की सजा को बरकरार रखने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि नोटिस जारी करें, जिसका जवाब 14 अप्रैल 2025 को दिया जाए. इस बीच, मौत की सजा पर रोक रहेगी.
शरीर के अंगों को निकालकर पकाया
दरअसल यह भयावह घटना 28 अगस्त 2017 को घटी थी, जब सुनील कुचकोरवी ने अपनी 60 वर्षीय मां, यल्लावा कुचकोरवी की उनके घर पर हत्या कर दी. इसके बाद उनके शरीर के अंगों को निकाल दिया और उनके शरीर के अंगों को नमक और मिर्च पाउडर के साथ पकाया. जानकारी के मुताबिक सुनील की मां यल्लावा कुचकोरवी गांव-गांव जाकर गुब्बारे और कंघी बेचती थी. यल्लावा केदो बच्चे राजू और सुनील हैं.
मां की चाकू मारकर की हत्या
जांच में सामने आया था कि छोटा बेटा सुनील शराब का आदी था. घटना वाले दिन उसकी मां जब घर आई तो उसने पैसे की मांग की. यल्लावा ने जब मना किया तो दोनों के बीच बहस हो गई. इसके बाद सुनील नाराज होकर घर से निकल गया और करीब एक बजे शराब के नशे में धुत होकर घर पहुंचा. फिर अपनी मां यल्लावा से बहस की और चाकू से हमला कर दिया.
कोल्हापुर कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा
घटना का सूचना मिलते हुए आसपास के लोगों ने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस जब उसके घर पहुंची तो आरोपी मां के दिल को पकाने वाला था. पुलिस ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया और चाकू भी बरामद कर लिया. इस मामले में 12 लोगों ने गवाही दी थी. साल 2021 में कोल्हापुर कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया था.