कौन हैं YouTube के नए सीईओ नील मोहन, जिनको रोकने के लिए गूगल ने दिए 827 करोड़ रुपए
नील मोहन अब माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, Adobe के सीईओ शांतनु नारायण और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई समेत भारतीय मूल के वर्ल्ड फेमस सीईओ की लिस्ट में भी शामिल हो गए हैं.
YouTube New CEO Neal Mohan : भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक नील मोहन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म YouTube के नए सीईओ होंगे. मोहन सुसान वोजिकी की जगह लेंगे, इन्होने ने फिलहाल में ही अपने पद से इस्तीफा दिया है. मोहन सुसान के लंबे समय से सहयोगी भी रह चुके हैं. नील मोहन अभी यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैं.
इसी के साथ नील मोहन अब माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, Adobe के सीईओ शांतनु नारायण और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई समेत भारतीय मूल के वर्ल्ड फेमस सीईओ की लिस्ट में भी शामिल हो गए हैं. आइए आपको यूट्यूब के नए सीईओ के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स बताएं.
नए मिशन के लिए तैयार हैं नील
नील मोहन ने अपने प्रमोशन पर कहा कि वह इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए बेहद एक्साइटेड हैं और एक अपने नए भविष्य की आशा कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ”धन्यवाद, सुसान वोजिकी, लंबे समय से आपके साथ काम करने का एक्सपीरियंस काफी अच्छा रहा. आपने YouTube को क्रिएटर्स और ऑडियंस के लिए एक एक आसान प्लेटफार्म बनाया है. मैं इस मिशन को जारी रखने के लिए काफी एक्साइटेड हूं.
नील मोहन के बारे में 5 इंटेरस्टिंग फैक्ट्स
- यूट्यूब के नए सीईओ नील मोहन अपनी पत्नी हेमा सरीम के साथ सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं.
- नील ने अपने करियर की शुरुआत ग्लोरफाइड टेक्निकल सपोर्ट से की थी. उस वक्त उनकी एनुअल इनकम 60,000 डॉलर थी. ग्लोरफाइड टेक्निकल सपोर्ट के बाद उन्होंने डबल क्लिक ज्वाइन किया, जिसे 2008 में गूगल ने खरीद लिया था. इसके बाद से ही नील मोहन गूगल का हिस्सा बन गए थे.
- नील ने साल 1996 में अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया.
- मोहन को 2015 में यूट्यूब में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर पर पोस्ट किया. इस दौरान चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के तौर पर अपनी भूमिका निभाते हुए शॉर्ट्स, म्यूजिक और सब्सक्रिप्शन पर फोकस किया.
- ये बात तो शायद ही किसी को पता होगी कि नील मोहन को ट्विटर से भी जॉब ऑफर आया था. जैसे ही गूगल को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने मोहन को रोकने के लिए उनकी सैलरी बढ़ा दी थी. बोनस देकर गूगल ने उन्हें तीन सालों के लिए रोक लिया था. गूगल ने उन्हें 544 करोड़ रुपए का बोनस दिया था.