हेल्थ सेक्टर के लिए योगी सरकार मेहरबान, 20 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च करने की तैयारी

हेल्थ सेक्टर के लिए योगी सरकार मेहरबान, 20 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च करने की तैयारी

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सबसे अधिक 12 हजार 6 सौ 31 करोड़ की धनराशि जारी की गई है, ताकि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके.

प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए एक शेर पढ़कर अपने इरादे जता दिए थे.मंजिलें लाख कठिन आएं, गुजर जाऊंगा, हौंसले हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा. लाख रोकें ये अंधेरे, मेरा रास्ता लेकिन, मैं जिधर जाऊंगा रोशनी ले जाऊंगा. बजट में इस बार हेल्थ सेक्टर के लिए काफी कुछ किया गया है.मेडिकल क्षेत्र को भारीभरकम 20 हजार करोड़ से अधिक का बजट जारी किया गया है, जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए कुल 17 हजार 3 सौ 25 करोड़ और चिकित्सा शिक्षा के लिए 2 हजार 8 सौ 37 करोड़ 39 लाख की धनराशि जारी की गई है.

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार का प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने पर फोकस है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सबसे अधिक 12 हजार 6 सौ 31 करोड़ की धनराशि जारी की गई है, ताकि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके.इसी तरह प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 1,655 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 12,631 करोड़

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के तहत प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर, क्रिटिकल केयर यूनिट, शहरों में इन्ट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना, नेशनल सेन्टर फॉर डिजीजेज कन्ट्रोल के सुदृढ़ीकरण, हेल्थ इंफॉरमेशन के विस्तार के लिए पोर्टल की स्थापना, इमजरजेंसी आपरेशन सेन्टर एवं मोबाइल यूनिट हॉस्पिटल की स्थापना आदि कार्यों के लिए 1,547 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है.

14 नए मेडिकल कॉलेज का रास्ता साफ

योगी सरकार ने अपने बजट में चिकित्सा शिक्षा को भी विशेष महत्व दिया है.योगी सरकार ने प्रदेश में एक जिला एक मेडिकल कॉलेज की योजना को और रफ्तार देने के लिए 14 नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना एवं संचालन के लिए 2491 करोड़ 39 लाख रुपये की व्यवस्था की गयी है. प्रदेश के 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं जबकि 14 जनपदों में मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं. वहीं 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना पीपीपी मॉडल पर की जा रही है. 14 मण्डलीय कार्यालयों तथा प्रयोगशालाओं भवन निर्माण, मशीनों तथा उपकरणों के लिये 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

जन आरोग्य योजना के लिए 400 करोड़

बजट में आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 400 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है. भारत सरकार द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रमबद्ध तरीके से क्रियाशील हेल्थ एण्ड वेलनेंस सेण्टर्स में परिवर्तित किया जा रहा है. ऐसे में कन्वर्जन ऑफ रूरल सब हेल्थ सेन्टर्स एण्ड पीएचसी टू हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप लगभग 407 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा.

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को 320 करोड़

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 320 करोड़, आयुष्मान भारत के तहत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए 250 करोड़, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपकरण खरीदने के लिए 100 करोड़ की धनराशि जारी की है. वहीं प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के कायाकल्प के लिए 15 करोड़ दिये हैं. असाध्य रोगों के इलाज के लिए 100 करोड़ आवंटित किए गए हैं. उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए 26 करोड़ दिये गये हैं.