11 दिन छोटी सी कोठरी में… संजय सिंह ने बताया जेल में क्या-क्या किया?

11 दिन छोटी सी कोठरी में… संजय सिंह ने बताया जेल में क्या-क्या किया?

दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह तिहाड़ से रिहा हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद वो जेल से बाहर आए थे. संजय सिंह करीब 6 महीने जेल में रहे. तिहाड़ से बाहर निकलने के बाद उन्होंने जेल में बिताए उन दिनों को याद किया है. जानिए उन्होंने क्या-क्या कहा?

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह तिहाड़ से रिहा हुए थे. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था. इसके साथ ही कई खुलासे भी किए थे. दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. करीब 6 महीने तक वो जेल में बंद रहे.

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया. 181 दिन बाद वो पिछले बुधवार को तिहाड़ से वापस आए. न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने जेल में बिताए उन दिनों को याद किया है. उन्होंने कहा कि शुरुआती के दिन काफी मुश्किल भरे थे. 11 दिन छोटी सी कोठरी में गुजरे. मैं पुलिस सुरक्षा में था. कहीं बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी.

बड़े ही साहस से काम लिया

संजय सिंह ने कहा कि जेल में बिताए इन छह महीनों में मैंने बड़े ही साहस से काम लिया और अपने परिवार के सदस्यों से भी कहा था कि वे आंसू न बहाएं. 11 दिन छोटी सी कोठरी में बिताने के बाद मैंने जेल प्रशासन से बात की और इसकी मांग की कि मुझे एक आम कैदी के रूप में अधिकार दिए जाएं. इसके बाद मुझे कोठरी से बाहर निकलने की इजाजत मिली. पुलिस सुरक्षा में मैं बाहर निकलता था.

गांधी-मंडेला और भगत सिंह की किताबें पढ़ीं

कभी म्यूजिक रूम तो कभी बैडमिंटन कोर्ट जाया करता था. मैं 24 घंटे CCTV की निगरानी में था. मेरे पास मोबाइल नहीं था तो इस दौरान मैंने किताबें खूब पढ़ीं. आप सांसद ने कहा कि जेल में मैंने छह महीनों में नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया, भगत सिंह की किताबें पढ़ीं. उन्होंने कहा कि मैंने इन छह महीनों में जितना पढ़ा उतना तो मैं 6 साल में नहीं पढ़ पाया था.

सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का भी किया जिक्र

इंटरव्यू के दौरान संजय संह ने एक और बात कही कि मुझे ज्यादा समय के लिए जेल नंबर-2 में रखा गया था, लेकिन बाद में जेल नंबर-5 पांच में ट्रांसफर कर दिया गया था. इस दौरन उन्होंने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का भी जिक्र किया. उन्होंने तीनों को अलग अलग जेलों में रखा गया था. पता नहीं वे हमें इतना बड़ा आरोपी क्यों मानते हैं.